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Backसंस्थान में संचालित विभिन्न परियोजनाएं (फार्मर फर्स्ट, अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं मेगा शीप सीड परियोजना) के 78 प्रगतिशील किसानों का चार राज्यों की कृृृृृृृृषि ओर पशुपालन उन्न्त तकनिकियों का 8 दिवसीय शैक्षणिक एव एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम



 भाकृृअपः- केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा द्वारा संस्थान में संचालित विभिन्न परियोजनाएं (फार्मर फर्स्ट, अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं मेगा शीप सीड परियोजना) के 78 प्रगतिशील किसानों का चार राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश की कृृृृृृृृषि ओर पशुपालन उन्न्त तकनिकियों का 8 दिवसीय शैक्षणिक व एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम की शुरुवात दिंनाक 5 अक्टुबर 2022 को निदेशक महोदय डॉ. अरुण कुमार तोमर के मार्गदर्शन में अविकानगर से सुबह 7 बजे की गई। निदेशक महोदय डॉ. अरुण कुमार तोमर ने बताया कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिऐ संस्थान के विभिन्न परियोजनाए में चयनित राजस्थान के विभिन्न जिलों के किसानों का 8 दिवसीय शैक्षणिक व एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम के माघ्यम से उत्तरी  क्षेत्र के विभिन्न राज्यों की कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि पशुपालन उन्नत तकनिकियों का प्रदर्शन एवं अवलोकन करवाया गया। निदेशक महोदय ने बताया की किसान विभिन्न राज्यों की उन्नत तकनिकियों के माघ्यम से अपने खेती एवं पशुपालन के ज्ञान में वृृद्धि होगी। निदेशक महोदय ने बताया की राजस्थान राज्य के किसानों को पंजाब, हरियाण व हिमाचल प्रदेश के किसानों की तरह व्यापारिक खेती एवं पशु पालन के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिऐ यह भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी किसान भाईयों संगठित होकर सहकारी संस्थाओं का निर्माण करे एवम पशुुपालन उत्पादो को सीधे अपने फार्म से उपभोक्ताओं तक पहुचाए। ताकि खेती एवं पशुुपालन व्यवसाय में बिचौलिओं की भूमिका को नियंत्रित करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सके । साथ में वर्तमान समय की मांग के अनुसार मूल्य संवर्धन आधारित उत्पादों का निर्माण करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बडे शहरो के बाजार से जुड़कर अच्छी आमदनी प्राप्त करे। घटते प्राकतिक संसाधन में भी पुश पालक किसान वैज्ञानिक तरीके से अपने फार्म का प्रबंधन करे। साथ में पशु-पोषण, पशु स्वास्थ्य एवं हरा और सूखे चारे का प्रबंधन से पुशपालन से अच्छी आय प्राप्त करे। 5 अक्टुबर 2022 को दोपहर 1 बजे भेड़ प्रजनन केन्द्र, फतेहपुर के फार्म पर स्थित अविशान, दुम्बा, नाली आदि भेड़ो की नस्लों, पोषण प्रबंधंन, आवास प्रबंधंन, पशु स्वास्थय प्रबंधंन आदि की जानकारी फार्म के वैज्ञानिक डॉ. सोहरान व डॉ. दानबिहारी ने विस्तृृत रुप से किसानों को दी। 6 अक्टुबर 2022 को सुबह चौधरी चरण सिंह हरियाण कृृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि संग्रहालय, फार्म पर विभिन्न प्रदर्शन ईकाईयां (कपास, बाजरा, शाक सब्जी, बागवानी, मौसमशाला, फार्म मशीनरी, चावल आदि) का भ्रमण व अवलोकन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. भूपेन्द्र व डॉ. ओपी. एस. तोमर ने विस्तृृत रुप से किसानों को करवाया गया। 6 अक्टुबर 2022 को सुबह भाकृृअपः- केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार के  वैज्ञानिकों डा. नवनीत सक्सेना प्रभारी प्रसार विभाग, डॉ. मदन लाल शर्मा, डॉ. कवसाल मुदुगल, डॉ. वारिज नयन व डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने भारतीय भैंसों की नस्लों, पोषण प्रबंधंन, आवास प्रबंधंन, पशु प्रजनन, पशु स्वास्थय प्रबंधंन, मुर्रा व नीलीरावी के फार्मों आदि का भ्रमण व अवलोकन विस्तृृत रुप से किसानों को करवाया गया। इन्होने विस्तार से मुर्रा भेंस के माध्यम से बडे़ स्तर पर डेरी व्यवसाय शुरु करने की पुरी जानकारी किसानों को दि गई। 6 अक्टुबर 2022 को दोपहर भाकृृअपः- राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार के वैज्ञानिकों डॉ. अनुराधा भारद्ववाज व डॉ. ऐनाराज ने भारतीय अश्वों, गधा व खच्चर की नस्लों, पोषण प्रबंधंन, आवास प्रबंधंन, पशु प्रजनन, पशु स्वास्थय प्रबंधंन के फार्मों, अश्व संग्रहालय आदि का भ्रमण व अवलोकन विस्तृृत रुप से किसानों को करवाया गया। भाकृृअपः- राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द, हिसार में लंपी  स्कीन बीमारी की वेक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक डॉ. नवीन से किसानों ने मुलाकात कर लंपी स्कीन महामारी से गो माता को बचाने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। 6 अक्टुबर 2022 को दोपहर भाकृृअपः- केन्द्रीय भेड़ प्रजनन फामर्, हिसार के वैज्ञानिकों डॉ. रन्तु गोगई सहायक आयुक्त, डॉ. अभिनव चौधरी ने भारतीय सोनाड़ी, नाली, विदेशी नस्ल कोरीडेल, रेमब्यूलेट के भारतीय नस्लों के साथ क्रास ब्रिड पशुओं आदि भेड़ो की नस्लों, बीटल बकरी, खरगोश पालन, पोषण प्रबंधंन, आवास प्रबंधंन, पशु स्वास्थय प्रबंधंन, मशीन से ऊन कतरन, भेड़ बकरी के फार्मों आदि का भ्रमण व अवलोकन विस्तृृत रुप से किसानों को करवाया गया। 

 
7 अक्टुबर 2022 को सुबह गुरु अंगद देव वेटनरी ओर पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के स्वचालित विदेशी केटिल यार्ड, मूर्रा व नीली रावी के फार्मों, पशु विज्ञान संग्रहालय, फार्म मशीनरी, साइलेज बनाने की विधि व भंडारण, मुर्गी फार्म, टर्की फार्म, चारा प्रबंधंन, डेयरी संयंत्र एवं विभिन्न लुधियाना कृृषि विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रदर्शन ईकाईयां (शाक सब्जी, बागवानी, फार्म मशीनरी, चावल आदि) का भ्रमण व अवलोकन  विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. योगेन्द्र जादोन, डॉ. मनदीप व डॉ. नीता रानी आदि ने विस्तृृत रुप से किसानों करवाया गया। 8 अक्टुबर 2022 को सुबह चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृृषि विश्वविद्यालय, पालनपुर के क्षेत्रीय केन्द्र एवं कृृषि विज्ञान केन्द्र, बिजौरा की विभिन्न प्रदर्शन ईकाईयां (बेमौसम शाक सब्जी, सेब, अनार, जापानी फल आदि बागवानी फार्म व नर्सरी आदि) का भ्रमण व अवलोकन दोनो केन्द्रों के वैज्ञानिकों डॉ. कुमार चन्द शर्मा केवीके प्रभारी, डॉ. विनोद शर्मा सयुंक्त निदेशक पालनपुर क्षेत्रिय केन्द्र एवं डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने विस्तृृत रुप से किसानों करवाया गया। 
 
8 अक्टुबर 2022 को दोपहर 78 प्रगतिशील किसानों के द्वारा शिशु ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं एवं पुरुष जनजाति किसानों की आजिवीका के बारे में विस्तृृृृृृत जानकारी दि गई। तथा साथ ही हिमाचल प्रदेश की जनजाति महिला व पुरुष किसानों का आजिवीका के लिऐ कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि एवं पशुपालन उत्पादों का मृूल्य संर्वधन करके ज्यादा से ज्यादा लाभ केसे अर्जित की जाती है के बारे में विस्तार से जानकारी भ्रमण कार्यक्रम के सदस्यों डॉ. अमर सिंह मीना, डॉ. रणजीत गोदारा, डॉ. सतवीर डाँगी द्वारा दी गई। 8 अक्टुबर 2022 को सायः 78 प्रगतिशील किसानों को भारतीय कृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रिय केन्द्र, कटराईन के बेमौसम शाक सब्जी, रबी मौसम की विभिन्न रंगों की सब्जियाँ व विदेशी सब्जियाँ, सब्जियों के बीज उत्पादन ईकाईयाँ, पोली हाऊस की ईकाईयों, सेब, अनार, जापानी फल आदि बागवानी फार्म व नर्सरी आदि) का भ्रमण व अवलोकन केन्द्र के शाक सब्जी के वैज्ञानिक डॉ. संदीप ने विस्तृृत रुप से किसानों करवाया गया। 9 अक्टुबर 2022 को भाकृृअपः- केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गढ़सा में आयोजित लघु रोमन्थी पशुओं पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी में 78 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। तथा अविकानगर संस्थान एवं अटारी जोन लुधियाना के सभी केवीके के वैज्ञानिकों ने कार्यशाला में भेड़ बकरी पालन पर उदाहरण स्वरुप विभिन्न जानकारी किसानों को दी गई। तथा कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न प्रदर्शनियों में महिलाओं के स्ंवम सहायता समूह द्वारा कृृृृृृृृृृृृृृृृृृषि ओर पशुपालन आधारित विभिन्न मुल्य सवंर्धित उत्पादों का किसानों ने अवलोकन व खरीददारी की। भाकृृअपः- केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गढ़सा के वैज्ञानिकों डॉ. रहीम चौधरी एवं डॉ. रजनी चौधरी ने भारतीय गद्दी, अविकालीन, भारत मेरिनो के पशुओं के फार्म, अँगोरा खरगोश पालन, पोषण प्रबंधंन, आवास प्रबंधंन, पशु स्वास्थय प्रबंधंन आदि का भ्रमण व अवलोकन विस्तृृत रुप से किसानों को करवाया गया। 11 अक्टुबर 2022 को सुबह के समय भाकृृअपः- राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के कृृृषि विज्ञाान केन्द्र की प्रर्दशनी ईकाईयों (चावल की किस्मों, अरहर, अमरुद, मछली पालन ईकाई, कुक्कुट पालन ईकाई, मधुमक्खी पालन) एवं मुर्रा, साहीवाल, गिर, विदेशी गाय के फार्मो एवं डेयरी संयत्र का भ्रमण 78 प्रगतिशील किसानों को संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. राकेश टॉक केवीके, डॉ. एस.एस. लठवाल पशु फार्म प्रभारी, डॉ. हीना शर्मा डेयरी संयत्र ने विस्तृृत रुप से प्रगतिशील किसानों को व्यापारिक रुप से पशु पालन व डेयरी की जानकारी दी गई। 11 अक्टुबर 2022 को दोपहर के समय भाकृृअपः- भारतीय गेहुं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल की नवीनतम गेहूं और जौ की उन्नत किस्मों, गेहूं व जौ का संग्राहलय, बीज उत्पादन, बीजो उपचार व गेहुं और जौ की राजस्थान में सबसे बढ़िया किस्मों का प्रदर्शन व अवलोकन 78 प्रगतिशील किसानों के द्वारा किया गया।  जिसका भ्रमण संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अनुज कुमार, डॉ. राजपाल मीना, डॉ. चरण सिंह व मंगल सिंह ने संस्थान द्वारा किसानों को वितरण की जाने वाली उन्नत किस्मों के फसलों के उतपादन के बारे में विस्तृृत जानकारी दी। 8 दिवसीय शैक्षणिक एव एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम में शामिल 78 प्रगतिशील किसानों के द्वारा निदेशक महोदय को धन्यवाद व आभार व्यक्त किया गया। तथा उम्मीद जताई की भविष्य में भी संस्थान इसी तरह राजस्थान राज्य के किसानों का भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करता रहे। 78 प्रगतिशील किसानों नें इस कार्यक्रम में पुरा सहयोग, विभिन्न संस्थानों की उन्नत तकनिकियों का प्रदर्शन एवं जानकारी प्राप्त कर बहुत उत्साहित हुए।
 
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. सत्वीर सिंह डाँगी, डॉ. अमर सिंह मीना, डॉ. रणजीत गोदारा, श्री महेश चन्द मीना, श्री सोहन लाल अहारी, श्री आर. के. माछुपुरिया, श्रीराम खिलाडी मीना, श्री, बुद्धिनारायण माली एवं हनुमान प्रसाद वर्मा, शंकर यादव, संजय वर्मा, राकेश चौधरी, विष्णु चौधरी सविंदा र्किर्मयों ने 8 दिवसीय शैक्षणिक व एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस 8 दिवसीय शैक्षणिक व एक्सपोजर भ्रमण कार्यक्रम के लिए वित्तिय सहायता एवं समन्वय के लिऐ नोडल अधिकारी डॉ. गणेश सोनावणे अनुसूचित जनजाति, नोडल अधिकारी इंजि. अजय कुमार अनुसूचित जाति, डॉ. पी.के. मलिक मेगा शीप सीड परियोजना, डॉ. सत्वीर सिंह डाँगी प्रधान अन्वेषक फारर्मर फर्स्ट, डॉ. लीला राम गुर्जर प्रभारी तकनिकी स्थानांतरण, श्रीमान इन्द्रभूषण कुमार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, श्रीमान भीमसिंह प्रशासनिक अधिकारी एवं डॉ. अरविन्द सोनी आदि ने भी उपरोक्त कार्यक्रम में भरपुर योगदान दिया। 
 


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