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Backकेन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, मरु क्षे़त्रीय परिसर, बीकानेर में अनूसूचित जाति योजना के अन्तर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन



अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत मरु क्षेत्रीय परिसर बीकानेर में ”समन्वित भेड पालन एवं लंपी स्किन रोग की रोकथाम एवं बचाव” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 29 से 31 अगस्त, 2022 तक किया गया उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के निदेशक डाॅ. आर्तबंधु साहु तथा विशिष्ट अतिथि के रुप मे केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डाॅ डी.के.समाधिया सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के निदेशक डाॅ. अरुण कुमार तोमर ने की। मरू क्षेत्रीय परिसर, बीकानेर की प्रभागाध्यक्षा डाॅ निर्मला सैनी ने सभी अतिथियों एवं किसानों का स्वागत किया एवं संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। डाॅ साहू ने प्रशिक्षणार्थियों को उष्ट्र पालन एवं उत्पादों केे बारे में जानकारी दी एवं भेड़ पालन में उचित पोषण प्रबंधन एवं पशु पोषण के महत्व को समझाया। डाॅ समादिया ने भेड़ पालन में एकीकृत कृषि एवं वैज्ञानिक प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे बाडमेर जिले के अनुसुचित जाति के 40 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त कार्यक्रम मे डाॅ विनोद कदम, डाॅ बाबुलाल जाट तथा डाॅ रंणजीत गोदारा आदि वैज्ञानिकों ने अपने विचारो द्वारा किसानो को लाभान्वित किया। इस अवसर पर संस्थान परिसर में किसानों तथा अतिथियों द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। डाॅ अशोक कुमार, वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण संयोजक ने मंच का संचालन किया तथा डाॅ आशीष चैपडा, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
 
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत लम्पी रोग के लक्षण, रोकथाम एवं बचाव तथा वैज्ञानिक भेडपालन की उन्नत तकनीकों बारे में जानकारी दी गई। साथ ही किसानों को राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर , राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर, एवं केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर संस्थानो का भ्रमण भी करवाया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता डाॅ निर्मला सैनी, प्रभागाध्यक्षा मरू क्षेत्रीय परिसर, बीकानेर ने की एवं किसानों को दैनिक जीवन में उपयोग के लिए पानी की बोतल, टार्च एवं पौधे आदि का भी वितरण किया गया।


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