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Backकिसान दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट बीजू मेंढ़ा एवं बकरा प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी का आयोजन
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में किसान दिवस के अवसर पर आज दिनांक 23.12.2021 को उत्कृष्ट बीजू मेंढ़ा एवं बकरा प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में आसपास के लगभग 100 भेड़-बकरी पालकों ने मालपुरा, पाटनवाडी़, खेरी नस्ल एवं सिरोही नस्ल (दो व चार दांत) के उत्कृष्ट बीजू मेंढ़ों एवं बकरों के साथ भाग लिया जिसमें उक्त नस्लों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले भेड़-बकरी पालकों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य आसपास के भेड़-बकरी पालकों को उत्कृष्ट पशुओं को रखने की प्रेरणा देना है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सकराम चौपड़ा, प्रधान, पंचायत समिति मालपुरा एवं श्री छोगालाल गुर्जर, जिला परिषद् सदस्य ने भाग लिया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की एवं उनका समाधान भी किया। साथ ही संस्थान के निदेशक डाॅ. अरूण कुमार तोमर ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम में भाग लेने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया एवं बताया कि संस्थान का इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन का उद्देश्य पशुपालकों को नस्ल के महत्व बताना है एवं इस प्रकार की प्रतियोगिता के माध्यम से उनमें जागरूकता लाना है। मुख्य अतिथि श्री सकराम चोपड़ा जी ने किसानों को सम्बोधित करते हुये उन्नत नस्ल के महत्व को समझाया एवं आग्रह किया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर लाभ प्राप्त करें। श्री छोगालाल जी गुर्जर ने इस प्रतियोगिता के आयोजन हेतु संस्थान के निदेशक महोदय का धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही किसान भाईयों से आग्रह किया कि वे अपने रेवड़ में अच्छी नस्ल के पशु रखें एवं अन्य पशुपालक भाईयों को भी नस्ल के महत्व को समझाने के लिये कहा। साथ ही निदेशक महोदय से आगे भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं के आयोजन करते रहने का आग्रह किया। उत्कृष्ट मेंढ़ों एवं बकरों का चयन प्रतियोगिता की चयन समिति डाॅ. जे.एस. मान, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, डाॅ. अनिल परतानी, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, मालपुरा एवं डाॅ. डी.बी. सिंह, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, बनस्थली निवाई, टोंक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक डाॅ. एस.आर. शर्मा एवं आयोजन सचिव डाॅ. एल.आर. गुर्जर थे।
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