Backभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गड़सा द्वारा “भेड़ एवं खरगोश पालन” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गड़सा द्वारा “भेड़ एवं खरगोश पालन” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन दिनाँक 24.07.2021 को माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया । उदघाटन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत हुरला की प्रधान सीता महंत ने अपने सम्बोधन में कहा कि ग्रामीण युवा इस क्षेत्र में प्रशिक्षण कर अपने लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं Iकेंद्र के प्राचार्य वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ ओम हरी चतुर्वेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भेड़ एवं खरगोश पालन का महत्व बतायाएवं संस्थान की ओर से विकसित नवीनतम तकनीकों एवं किसानोपयोगी योजनाओं की जानकारी दी । प्रशिक्षण के दौरान उन्होने प्रशिक्षणार्थियों को खरगोश एवं भेड़ के पोषण एवं खिलाई-पिलाई के बारे में बताया । केंद्र केवैज्ञानिक डॉ अब्दुल रहीम ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को भेड़ एवं खरगोश पालन हेतु नस्ल सुधार, प्रबंधन, रोग,ऊन कल्पन एवं ऊन की गुणवाता जांच संबन्धित तकनीकों की जानकारी दी गई । उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन दिनांक 27.07.2021 को मुख्य अतिथि एवं भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान,अविकानगर, राजस्थान के निदेशकडॉ अरुण कुमार की उपस्थिति में हुआ । समापन समारोह के मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षण के प्रसार पर अधिकाधिक बल देते हुए ग्रामीण युवाओं को इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने का आहवाहन किया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल्लू जिले की भलान-1, पारली, ज्येष्ठा, हुरला, थाटीबीड आदि पंचायतों की 11 महिला एवं 11 पुरुष प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया । केंद्र के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री मनीष बड़ोला ने सभी प्रशिक्षणार्थियों एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।