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BackNews on Krishak Vaigyanik Sangoshti held at ARC Bikaner on 30.08.2019
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान मरू क्षेत्र परिसर में 30 अगस्त, 2019 को कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और टौंक जिलों के करीब 400 प्रगतिशील किसानों और पशुपालकों ने भाग लिया। समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि उत्तम खेती और उन्नत पशुपालन के सामंजस्य से ही हमारा कृषि प्रधान देश विश्व गुरू बन सकता है। उन्होंने कृषकों का आह्वान किया कि अपनी आय को दुगुना करने के लिए नए वैज्ञानिक उपाय करने होंगे। मरू क्षेत्र में खेजड़ी और बेर सहित खेतों में वृक्षारोपण से पशुओं को वर्ष पर्यन्त चारा सुलभ करवाया जा सकता है। उन्होंने कृषकों को कृषि उपज का उचित मूल्य लेने के लिए कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के गठन और प्रचार-प्रसार कार्यों की आवश्यकता जताई। समारोह की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय संसदीय कार्य और भारी उद्योग राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि पूरे देश में 10 हजार एफ.पी.ओ. बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर ऊन उत्पादक और कताई-बुनाई का प्रमुख केन्द्र है। एफ.पी.ओ. की संकल्पना के लिए किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने की जरूरत है। जम्मू कश्मीर, लेह और लद्दाख में भी ऊन उत्पादों का अच्छा व्यापार है। अतः इससे समन्वय की आवश्यकता है। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री ने प्रगतिशील पशुपालकों और कृषकों को मारवाड़ी और मगरा नस्ल के 45 उन्नत मेंढ़ो. का प्रक्षेत्र में नसल सुधार हेतू वितरण किया। समारोह में अतिथियों ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार पशुपालक उपयोगी तीन पुस्तिकाओं का लोकार्पण किया। केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के निदेशक डॉ ए. साहू ने बताया कि संस्थान द्वारा भेड़ों की मगरा, मारवाड़ी और चोकला नस्ल का श्रेष्ठ जर्म प्लाज़्म भेडपालकों को मुहैय्या करवाया जा रहा है जिसकी ऊन गलीचा निर्माण के लिए विश्व विख्यात है। संस्थान में सिरोही नस्ल के जर्म प्लाज़्म पर भी काम हो रहा है। संस्थान भेडों से ऊन, मीट, दूध का अधिक उत्पादन और बेकार ऊन से खाद बनाने पर कार्य कर रहा है। केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान मरू क्षेत्र परिसर के प्रमुख डॉ एच.के. नरूला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा परिसर की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए इस कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का महत्व बताया। कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी में परिसर के वैज्ञानिको ने भेड़पालन की वैज्ञानिक विधि के साथ-साथ समन्वित कृषि प्रणाली के बारे में भी किसानों को बताया। संगोष्ठी में डॉ अशोक कुमार, वैज्ञानिक ने पशुओं से अधिक उत्पादन लेने की वैज्ञानिक-तकनीकों के बारे में बताया तथा पशुपालकों के साथ प्रश्नों-उत्तरी करते हुए पशुपालको द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए। कृषि राज्यमंत्री श्री चौधरी ने बाडमेर के प्रगतिशील पशुपालक बाबूलाल दंपत्ती को खेजड़ी की कलम लगाकर जिले में विस्तार कार्य के लिए सम्मानित किया। समारोह में लूणकरणसर के विधायक श्री सुमित गोदारा, पूर्व संसदीय सचिव डॉ विष्वनाथ सहित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों के निदेशक, डॉ अरूण कुमार तोमर, प्रभागाध्यक्ष ए.जी.बी. एवं प्रधान वैज्ञानिक, डॉ डी.बी. साख्यवार, नोडल आफिसर, अविकानगर, कृषि और वेटरनरी विश्वविद्यालयों के अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह स्थल पर वेटरनरी विश्वविद्यालयों, केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड सहित विभिन्न केन्द्रीय संस्थानों ने प्रदर्षनी लगाकर कृषि और पशुपालन उत्पादों को प्रदर्षित किया।
![](/upload//Welcome of Chief guest Sh Kailash Choudhary , Honourable State Minister of Agriculture by Director.jpg) ![](/upload//Welcome of Chief guest by Head.jpg) ![](/upload//Visiting the exhibition.jpg) ![](/upload//Release of Publications.jpg) ![](/upload//Scientist answering the question of farmers.jpg) ![](/upload//Award to Progressive farmer.jpg) ![](/upload//Honourable Sh Kailash Choudhary, MOS interacting with farmers.jpg)
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