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Backउत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र, गडसा में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत भेड़ एवं खरगोश पालन तथा ऊन उपयोग पर किसान-वैज्ञानिक–स्टेकहोल्डर परस्पर संवाद का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा०कृ०अनु०प०) नई दिल्ली के अंतर्गत केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर जिला टोंक, राजस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र, गडसा में दिनांक 20.08.2019 को अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत भेड़ एवं खरगोश पालन तथा ऊन उपयोग पर किसान-वैज्ञानिक–स्टेकहोल्डर परस्पर संवाद का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया I इस अवसर पर केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ० ओमहरी चतुर्वेदी ने सभी अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुये “विश्व गुरु भारत” नामक गीत का गायन किया एवं केंद्र की उपलब्धियाँ भी बताई I कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ऋषभ सिंह ठाकुर, जिला विकास प्रबन्धक, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, गांधीनगर, जिला कुल्लू ने अपने सम्बोधन में अपने बैंक की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए भेड़ एवं खरगोश पालन को बढ़ावा देने का आहवाहन किया I इस अवसर पर मुख्य संस्थान अविकानगर से आये हुये टेक्सटाइल इंजीनियर डॉ० अजय कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक वस्त्र निर्माण एवं वस्त्र रसायन विभाग एवं सह-नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों तथा ऊन व अंगोरा रेशों के मूल्य संवर्द्धन की जानकारी दी गई I इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि डॉ० संजीव कुमारी पॉल सहायक निदेशक परियोजना, पशु पालन विभाग, कुल्लू ने पशु पालन एवं उनके उपचार के तरीके बताये तथा विभाग द्वारा किसानों के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया I इंजीनियर आर०के० सिंह, क्षेत्रीय केंद्र प्रमुख, हिमाचल इकाई गोविंद बल्लभ पंत, राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान हिमाचल इकाई , मौहल – कुल्लू (हि०प्र०) ने हिमालयी पर्यावरण एवं इसके सतत विकास हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में विद्यमान जैव विविधता को बरकरार रखने तथा पारिस्थितिकी अनुकूल पर्यावरण पर बल देते हुये प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण का आहवाहन किया I विशिष्ट अतिथि डॉ० के० सी० शर्मा कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र, चौधरी श्रवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय बजौरा, जिला कुल्लू ने कृषि के क्षेत्र में किसानों को दिये जाने वाले प्रशिक्षणों एवं योजनाओं के बारे में बताया I डॉ० एस०के० गुलेरिया, सह निदेशक, अनुसंधान एवं प्रसार पर्वतीय कृषि अनुसंधान एवं प्रसार केंद्र, चौधरी श्रवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय बजौरा, जिला कुल्लू द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के लिए विभिन्न फसलों की लाभकारी क़िस्मों की जानकारी दी I डॉ० हरदेव सिंह भाटिया, सह निदेशक अनुसंधान एवं प्रसार, क्षेत्रीय उद्यानिकी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, डॉ०वाई०एस०परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, बजौरा ने उद्यानिकी एवं वानिकी की उपयोगिता की जानकारी दी I डॉ० राजेन्द्र पॉल, सहायक निदेशक मेढ़ा केंद्र, नगवाईं, ने मेढ़ों की नस्लों की जानकारी दी और किसानों को जागरूक किया I विशिष्ट अतिथि डॉ० चंद्रप्रकाश, अध्यक्ष भा०कृ०अनु०प० भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र, कटराई, जिला कुल्लू द्वारा चारे की विभिन्न किस्म एवं उनके बीज की उपलब्धता की जानकारी दी I किसान-वैज्ञानिक–स्टेकहोल्डर परस्पर संवाद में अनुसूचित जाति के 107 एवं सामान्य श्रेणी के लगभग 40 किसानों एवं स्टेकहोल्डर ने भाग लिया I इस अवसर पर केंद्र में भेड़ एवं खरगोश व ऊन की उपयोगिता से संबन्धित किए जा रहे अनुसन्धानों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसका समस्त किसानों एवं अतिथियों ने अवलोकन किया गया I श्री ठाकुर दास प्रगतिशील किसान गाँव व पोस्ट पुजाली तहसील बंजार, जिला कुल्लू ने इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किए एवं उनके द्वारा अपनायी जा रही प्रकृतिक कृषि एवं पशुपालन संबंधी लाभकारी जानकारी दी गई I कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों को उपयोगिता किट का वितरण किया गया I कार्यक्रम का संचालन केंद्र के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री दुर्गा लाल वर्मा ने किया I केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० के०एस० राजारवीन्द्र ने सभी अतिथियों एवं आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया I
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