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Backविश्व पशु चिकित्सा दिवस पर अविकानगर में कार्यशाला



अविकानगर, विश्व पशु चिकित्सा दिवस, जो कि हर वर्ष अप्रैल माह के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है, के अवसर पर दिनांक 30 अप्रैल, 2019 को केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में एक कार्यशाला आयोजित की गयी जिसमें संस्थान के पूर्व निदेशक एवं पशु चिकित्सक डॉ. एस.ऐ. करीम मुख्य अतिथि थे। कार्यशाला विषय टीकाकरण का पशुपालन में महत्व पर बोलते हुये डॉ. करीम ने बताया कि पशु का रोग से बचाव ईलाज से बेहतर विकल्प है जिसे टीकाकरण द्वारा किया जा सकता है। इससे पशु की जीवितता एवं उत्पादन क्षमता बढ़ती है और किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। संस्थान निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने इस अवसर पर बताया कि पशु चिकित्सा का पशु उत्पादन बढ़ाने में बहुत योगदान है। अच्छे पशु प्रबन्धन एवं उत्पादन में उचित पशु चिकित्सा ही सबसे अहम कारक है। उन्होंने आगे बताया कि आने वाले तीन दिनों तक तकनीकी स्थानान्तरण क्षेत्र में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं का उपचार किया जायेगा एवं किसानों को समय पर पशु चिकित्सा कैसे उपलब्ध हो इसकी जानकारी दी जायेगी। इस अवसर पर डॉ. अरूण कुमार तोमर, डॉ. राघवेन्द्र सिंह एवं डॉ. ऐ.के शिन्दे ने भी व्याख्यान दिये और बताया कि पशु चिकित्सक विषम परिस्थितियों में कार्य करते है। बेजुबान पशुओं का ईलाज कर उन्हें स्वस्थ रखना कठिन कार्य है जिसे पशु चिकित्सक बीमारी के लक्षणों के आधार पर सटीक ईलाज कर पशु को स्वस्थ करते है। अविकानगर संस्थान के अथक प्रयासों से क्षेत्र की भेड़-बकरियों में बीस वर्ष पूर्व मृत्युदर जो कि करीब 20 प्रतिशत थी, कम होकर 4 से 5 प्रतिशत रह गयी है जिससे किसानों को अत्यधिक आर्थिक लाभ पहुंचा है। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. देवेन्द्र कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने किया। इसी क्रम में आज 1 मई, 2019 गांव भीपुर में प्रातः 07:20 से 10:00 बजे पशु चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें करीब 450 पशुओं का ईलाज कर टिकाकरण भी किया गया। पशु चिकित्सा शिविर में संस्थान के सभी पशु चिकित्सकों ने भाग लिया।



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