Backलघुरोमंथी एवं खरगोश के समन्वित विकास पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा0कृ0अनु0प0) नई दिल्ली के अन्तर्गत केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर, जिला टोंक, राजस्थान के उत्तरी शीतोषण क्षेत्रीय केन्द्र, गड़सा में पशु पालन विभाग कुल्लू द्वारा प्रायोजित कुल्लू जिले के ग्रामीण युवाओं के कुशल प्रशिक्षण हेतु “लघुरोमंथी एवं खरगोश के समन्वित विकास“(Integrated Development of smallruminants and rabbits) पर सात दिवसीय(दिनाँक 25.03.2019 से 31.03.2019 को) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनाँक 25.03.2019 को माँ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्वलनकर किया गया। इस अवसर पर केन्द्रके प्राचार्य वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ0 ओमहरी चतुर्वेदी ने सभी 10 प्रशिक्षणार्थियों एवं आगुन्तकों का स्वागत करते हुये किसानो को वर्तमान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लघुरोमंथी अर्थात भेड़-बकरियों एवं खरगोश पालन के महत्व को बताया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को खरगोशो एवं भेड़-बकरियों के पोषण एवं खिलाई-पिलाई के बारे में भी जानकारी दी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 के0 एस0 राजा रवीन्द्र ने किसानों को खरगोशो के प्र्रजनन, प्रजातियाँ, प्रबन्धन की जानकारी के साथ-साथ भेड़ों के ऊन कल्पन एवं ऊन की गुणवत्ता जाँच से सम्बन्धित तकनीकों की जानकारी भी दी। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 अब्दुल रहीम ने किसानों को भेड़ प्र्रजनन, प्रजातियाँ एवं प्रबन्धन सम्बन्धित जानकारी दी तथा किसानों को भेड़ सेक्टर एवं अंगोरा शशक एकांश का भ्रमण करवाया। दिनांक 29.03.2019 को प्रशिक्षणार्थियों को हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के नगवाई, जिला मण्डी स्थित मेढा प्रजनन केन्द्र एवं चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय, के बजौरा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण करवाया गया । मेढा प्रजनन केन्द्र की सहायक निदेशक डॉ0 संजीव कुमारी पॉल ने प्रशिक्षणार्थियों को भेड़-बकरियों के रोगों एवं उनकी रोकथाम के बारे जानकारी दी। इस प्रशिक्षण में गड़सा घाटी की 8 महिला सहित कुल 10 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को उनके पशुओं को खिलाने हेतु खनिज मिश्रण वितरित किया गया। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ0 संजीव कुमारी पॉल, सहायक निदेशक मेढा प्रजनन केन्द्र नगवाई के द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये । केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 के0 एस0 राजा रवीन्द्र ने कार्यक्रम का समन्वयन एवं संचालन करते हुये सभी प्रशिक्षणार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।