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Backप्राकृतिक रंजक और हर्बल फिनिशिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में वस्त्र निर्माण एवं वस्त्र रसायन विभाग द्वारा ’’प्राकृतिक रंजक और हर्बल फिनिशिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम’’का आयोजन दिनांक 05 से 21 जनवरी 2019 के दौरान आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन 05 जनवरी 2019 को संस्थान के सभाकक्ष में डा. आर. एस. गाँधी, सहायक महानिदेशक (पशु विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के द्वारा किया गया। डा. गाँधी ने अपने सम्बोधन में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये कार्यो व प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रशंसा की। इस अवसर पर डा. गाँधी ने आशा व्यक्त करते हुये बताया कि कृषि अवशेषों से प्राप्त प्राकृतिक रंगों का ऊनी एवं सूती कपड़ों के उपयोग से हस्तशिल्पकारों को अधिक आमदनी प्राप्त होगी एवं प्राकृतिक रंगों से रंजित उत्पादों की माँग विदेशों में बढे़गी। जिससे यह उत्पाद अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहयोग प्रदान करेंगे। संस्थान के निदेशक डा. अरूण कुमार तोमर द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए संस्थान की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। डा. तोमर ने अपने सम्बोधन में उल्लेख किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान की स्वपोषित योजना के तहत आयोजित किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च को प्रशिक्षणार्थी स्वयं वहन कर रहे है, इससे इस बात की पुष्टि होती है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षणार्थियों के लिये महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। डा. तोमर ने आशा व्यक्त कि भविष्य में स्वपोषित योजना के तहत भेड़ व बकरी पालन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। वस्त्र निर्माण एवं वस्त्र रसायन विभाग के प्रभारी डा. डी. बी. शाक्यवार द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी देते हुये बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्राकृतिक स्त्रोतों से प्राप्त होने वाले रंजको की निष्कर्षण एवं विभिन्न धातु अवयवों के साथ रंगने की विधियों से अवगत कराया जायेगा। प्राकृतिक रंगों से होने वाले लाभ व इससे पर्यावरण का संरक्षण प्रदान करने का व्यवहारिक ज्ञान दिया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान प्राकृतिक रंगों के अन्य कार्यात्मक गुणों जैसे पराबैंगनी संरक्षण, रोगाणुरोधी, कीटावरोधी पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। प्राकृतिक रंगों को ऊनी, सूती एवं रेशमी कपड़ों पर पक्कापन लाने की विशेष तकनीकियों की विस्त्रत व्याख्या करते हुए प्रयोगात्मक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला जायेगा। यह कार्यक्रम प्रशिक्षणार्थीयों के लिए कौशल विकास, अनुसंधान, विज्ञान और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि ने ’’प्रशिक्षण पत्रिका’’ हेतु पुस्तिका का अनावरण किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 22 प्रशिक्षणार्थी दो समूहों में प्रतिभाग कर रहे है।
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