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Backउत्तराखण्ड से आये किसानों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा उत्तराखण्ड राज्य से आये 24 किसान एवं 4 पशु चिकित्सकों के दल को दिनांक 08 से 10 दिसम्बर, 2017 तक उन्नत भेड़ एवं बकरी पालन पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। किसानों को दिनांक 08 दिसम्बर, 2017 को संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय भेड़ एवं ऊन मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों द्वारा लगायी गई प्रदर्शनियां दिखाई गई। दिनांक 09 एवं 10 दिसम्बर को किसानों को संस्थान की प्रदर्शनी, सेक्टर नं0 9, खरगोश इकाई, बकरी इकाई, सेक्टर नं012, सेक्टर नं.13, सेक्टर नं. 18 एवं औषधी गार्डन पर चल रहे अनुसंधान कार्यों के साथ-साथ उन्नत नस्ल के पशुओं के बारे में भी बताया गया। पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष डा. आन्र्तबन्धु साहू द्वारा किसानों को पशु पोषण से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकियाँ जैसे मेमनाप्राश, अविकामिनमिक्स, भेड़ एवं बकरियों के लिये विभिन्न शारीरिक अवस्थाओं के लिये घर पर ही दाने का निर्माण करना, साईलेज बनाना एवं चारे की ईंट खिलाना संबंधी जानकारी दी गई। डा. देवेन्द्र कुमार द्वारा भी सेक्टर नं. 9 पर भेड़ों में सममदकालन तकनीक एवं कृत्रिम गर्भाधान के बारे में बताया गया। डा. रणधीर सिंह भट्ट द्वारा किसानों को खरगोश इकाई का अवलोकन कराया गया। दिनांक 10 दिसम्बर, 2017 को प्रशिक्षण के समापन समारोह पर निदेशक डा. अरूण कुमार तौमर ने किसानों को बताया कि संस्थान द्वारा किसानों के लिये अनेक तकनीकियाँ विकसित की गई हैं जिनका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। किसानों को चाहिए कि वे समूह बनाकर कार्य करें जिससे कि वे सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके। समापन समारोह पर संस्थान के उप शितोष्ण प्रक्षेत्र, मन्नावनूर के प्रभारी डा. ए.एस. राजेन्द्रन द्वारा भी किसानों को सम्बोधित किया गया। किसानों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को अति लाभकारी बताया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखण्ड भेड़ विकास बोर्ड, देहरादून द्वारा प्रायोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डा. राजकुमार, वैज्ञानिक तकनीकी स्थानान्तरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग थे।
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