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Backहिन्दी सप्ताह के शुभारम्भ पर यौगिक खेती एवं पशुपालन द्वारा किसान सशक्तिकरण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन।



केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में हिन्दी सप्ताह का शुभारम्भ दिनांक 14 सितम्बर 2017 को दीप प्रजवल्लित कर किया गया। इस अवसर पर यौगिक खेती एवं पशुपालन द्वारा किसान सशक्तिकरण विषय पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर बी.के. मनीषा, राजयोग शिक्षा एवं फाउण्डेषन कोल्हापुर (महाराष्ट्र) ने शास्वत यौगिक खेती एवं पशुपालन पर विस्तार से हर पहलु पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि अगर हम सद्विचारो से परमात्मा को याद करते हुये अपने पारम्परिक खेती जिसमें रसायशक एवं कीटनाशको दवाओ का प्रयोग नही होता था उस जैविक खेती को अपनाएंगे तो हमारी धरती माता का स्वास्थ भी ठीक रहेगा और साथ में मनुष्यो व पशुओं को पोष्टिक आहार भी मिलता रहेगा। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. अरूण कुमार तोमर ने अपने सम्बोधन में उपस्थित जन समूह से आग्रह किया कि वो अपने रोजमर्रा के कार्यो में हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे और वैज्ञानिको को आह्वान किया कि वो अपने अनुसंधानो को जनसमुदाय के हित में हिन्दी में लेख लिखे। उन्होने यौगिक खेती के भविष्य को उज्जवल बताते हुये कहा कि रसायनिक एवं कीटनाषको का ज्यादा प्रयोग करने से मनुष्य एवं पषुओ के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इस कार्यषाला में अविकानगर के सभी पदाधिकारियों के अलावा आस-पास के गाँवो से लगभग 100 किसान उपस्थित हुये। हिन्दी सप्ताह के दौरान होने वाले कार्यक्रमो की विस्तृत जानकारी श्री जगदीष प्रसाद मीना, हिन्दी अधिकारी ने प्रदान की। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री का संदेष डॉ. आर. सी. शर्मा, कार्यालय अध्यक्ष ने पढ़कर सुनाया। इस अवसर पर डॉ. ए. साहु एवं डॉ धीरेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन डॉ. गौरी जैरथ ने किया। इसके साथ-साथ संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गड़सा द्वारा भी दिनांक 14.09.2017 से 21.09.2017 तक आयोजित किये जा रहे हिन्दी सप्ताह का उद्घाटन दिनांक 14.09.2017 को माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय जल ऊर्जा निगम लिमिटेड के अन्तर्गत पार्बती जल विद्युत परियोजना चरण-तृतीय बिहाली (कुल्लू) के सहायक प्रबंधक (राजभाषा) एवं सदस्य सचिव नराकास, श्री देष राज, ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि हमें राजभाषा हिन्दी मे काम काज करने को बोझ एवं बाधता ना समझते हुए अपनी राजभाषा को बढ़ावा देना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. ओमहरी चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे देश के संविधान में हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। हिन्दी हमारी संस्कृति एवं जीवन शैली है तथा देश के लगभग 45 प्रतिषत मात्र भाषा हिन्दी है । इस अवसर पर उन्होनें ‘‘हरित भारत स्वच्छ भारत नामक कविता का पाठ भी किया । केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. इन्द्र सैन चौहान ने हिन्दी सप्ताह के दौरान आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे प्रश्न मंच, श्रुत लेख, निबन्ध लेखन, इत्यादि के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम का संचालन प्रयोगषाला/प्रक्षेत्र तकनीषियन श्रीमति अनिता ठाकुर ने किया । केन्द्र के प्रभारी कार्यालय सहायक श्री रजत चौधरी ने मुख्य अतिथि एवं आगन्तुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।



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