|
|
|
|
|
|
|
Backसमन्वित कृषि प्रणाली पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
तकनीकी स्थानान्तरण एंव सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा ’समन्वित कृषि प्रणाली’ विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 फरवरी से 15 फरवरी, 2017 तक संस्थान में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मंे फार्मर फस्र्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत गोद लिये गये गांव चैसला, डेंचवास, अरणिया एवं बस्सी के 25 महिला एवं पुरूष, कृषकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषकों की आजिविका में सुधार एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिये समन्वित कृषि प्रणाली, शुष्क क्षेत्रों में चारा उत्पादन एवं संरक्षण, दुग्ध एंव मांस के लिये बकरी पालन, स्वयं सहायता समूह एवं सहकारी समितियों का गठन, महत्व एवं कार्यप्रणाली, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, शुष्क क्षेत्रों की प्रमुख फसलें एवं उनकी किस्में, किसानों को भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा प्रदत्त योजनाऐं एवं ऊन तथा ऊन के उत्पादों की नवीन तकनीकीयों एवं संस्थान द्वारा प्रसार के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में व्याख्यान एवं प्रायोगिक द्वारा विस्तृत से जानकारी दी गई। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को सेक्टर नं. 9, 12, 15, 18, 21, बकरी सेक्टर एवं वाटर शेड इकाई का भ्रमण भी करवाया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में संस्थान के कार्यकारी निदेशक महोदय डा. अरूण कुमार ने कहा की संस्थान किसानों की सेवाओं के लिये संस्थान द्वारा विकसित तकनीकीयों को कृषक प्रक्षेत्र पर पहुंचाने के लिये प्रयासरत है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारीयों से अपने क्षेत्र के किसानों को भी जागरूक करें और संस्थान के इस फार्मर फस्र्ट प्रोग्राम में साथ दें। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के फार्मर फस्र्ट प्रोग्राम के तहत प्रयोजित था और इसके समन्वयक डाॅ. जी.एल. बागड़ी एवं सह-समन्वयक डा. एल.आर. गुर्जर थे।
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|