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Backस्वच्छ भारत अभियान दिनांक 08.08.2016 से 13.08.2016 तक



संस्थान में दिनांक 08.08.2016 से 13.08.2016 तक स्वच्छ भारत अभियान का आयोजन किया गया। स्वच्छता अभियान में संस्थान परिसर मे स्थित केन्द्रीय विद्यालय, एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय के अध्यापक एवं छात्र-छात्राओ, पश्चिम क्षेत्रिय परिसर भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान केन्द्र, अविकानगर एवं  केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थानअविकानगर के वैज्ञानिको, अधिकारियों, कर्मचारियो ने अपना पूर्ण योगदान दिया। स्वच्छ भारत अभियान के दौरान संस्थान परिसर से हानिकारक गाजरघास वानस्पतिक नाम (Parthenium hysterophorus) पार्थेनियम हिस्टोफोरस, के सम्पूर्ण उन्मूलन का प्रयास किया गया ताकि संस्थान के परिसर को गाजर घास मुक्त परिसर बनाया जा सकें। पार्थेनियम जिसे गाजर घास / कांग्रेस घास / चटक चादनी के नाम से भी जाना जाता है, अभियान के दौरान परिसर को हरा-भरा बनाने एवं वानस्पतिक विविधता को बढाने के लिए विभिन्न जगहो पर विभिन्न किस्मो के लगभग 400 से 500 पौघों का रोपण भी किया गया । स्वच्छ भारत अभियानका नेतृत्व निदेशक डा॰ एस॰ एम॰ के॰ नकवीं के द्वारा किया गया । अभियान को सफल बनाने एवं संचालित करने में सभी विभाध्यक्षो/अनुभाग प्रभारियो ने अपना पूर्ण योगदान दिया। निदेशक द्वारा अभियान के दौरान कर्मचारियो, अध्यापको, छा़त्रों को गाजर घास के दुष प्रभावों पर विचार व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि गाजर घास से मनुष्यो के स्वाथ्य पर कई प्रकार के दुष प्रभाव पडते हैं। मनुष्यो में त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्जिमा, एर्लजी, बुखार एवं दमा आदि रोग हो जाते है तथा पशुओं के लिए भी पार्थेनियम अत्यधिक विशाक्त होता है । गाजर घास परिसर की अन्य जैविक विविधता पर भी विपरित प्रभाव डालता हैं। जिससे संस्थान में अनुसंधान के लिए रखे गये भेड-बकरियों को चरागाह में अच्छे किस्मो के चारो पर विपरित प्रभाव डालता हैं। निदेशक ने संस्थान के परिसर के सभी कार्यरत कर्मचारियो एवं रहवासियों से आहवान किया है कि अविकानगर परिसर को गाजर घास मुक्त बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें। परिसर को गाजर घास से मुक्त करने के लिए वर्ष 2015 के अगस्त माह में भी अभियान चलाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2016 में परिसर में गाजर घास की बहुत कम मात्रा देखने में आई है। जिसे भी अभियान के दौरान निकाल दिया गया है ।  सम्पूर्ण अभियान का संचालन फार्म अनुभाग द्वारा सम्पन्न करवाया गया ।



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