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Backभारत सरकार की उपलब्धियों में शामिल संस्थान द्वारा विकसित त्रिसंकर भेड़ अविशान



संस्थान द्वारा हाल ही में तीन भारतीय नस्लों के गुणों को समाहित कर भेड़ की एक नई त्रिसंकर भेड़ अविशान जो कि स्थानीय नस्ल मालपुरा, पश्चिम बंगाल राज्य की गैरोल एवं गुजरात राज्य की पाटनवाड़ी से संकरित कर विकसित की गई है। संस्थान के निदेशक डॉ. एस.एम.के. नकवी ने बताया कि भेड़ की मुख्य विशेषताओं में अधिक मेमने पैदा करना, उत्तम मादा उत्पादन क्षमता, अधिक शारीरिक भार एवं अधिक दूध उत्पादन प्रमुख हैं। डॉ. नकवी यह भी बताया कि इन सभी गुणों को देखते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि उन्नति हमारी प्राथमिकता शीर्षक के अन्तर्गत प्रकाशित पॉकेट बुकलेट में इस त्रिसंकर भेड़ को मंत्रालय की उपलब्धि में शामिल किया गया है जो कि भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा मेक इन इंडियाकार्यक्रम को सार्थक करता है। संस्थान के पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार तोमर ने बताया कि अविशान की देश के विभिन्न राज्यों से मांग की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के आदिवासी जिलों जैसे बाँसवाड़ा, डूंगरपुर आदिवासी भेड़ पालक किसानों को अब तक 20 मेढ़ें वितरित किए जा चुके हैं। इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. आर.सी. शर्मा ने बताया कि वैज्ञानिकों के 18 वर्षों के अथक प्रयास के बाद यह नस्ल विकसित की गई है। डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि संस्थान द्वारा 10 किसानों को उनके रेवड़ में नस्ल सुधार हेतु यह भेड़ उपलब्ध कराई गई जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं एवं किसानों  को लाभ हो रहा है।



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