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Backकृषि विज्ञान प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गड़सा तथा चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विधालय पालमपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र बजौरा द्वारा संयुक्त रूप से गड़सा घाटी के दुर्गम गाँव भलाण में दिनांक 13 जनवरी 2016 को कृषि विज्ञान प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में एक ओर जहाँ केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा निर्मित ऊनी उत्पाद एवं पशु आहार का प्रदर्शन किया गया वहाँ कृषि विज्ञान केन्द्र बजौरा ने अपने विश्व विधालय द्वारा पशुओं के लिए विकसित सम्पूर्ण वटिटका एवं खनिज मिश्रण का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डा0 सुरेन्द्र कुमार ठाकुर ने कृषि विज्ञान प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि विज्ञान प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी के आयोजन से दूर-दराज के ग्रामीण अँचलों के किसानों की आत्म निर्भरता एवं मजबूती हेतु उन्हें पारम्परिक ज्ञान के साथ तकनीकी ज्ञान देना आवश्यक है। इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र कार्यकारी अध्यक्ष डा0 ओमहरि चतुर्वेदी ने उपसिथत कृषकों को बताया कि पशुधन नित्य सभी लोको में उपकारी है इसलिए कृषि व पशु पालन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है। उन्होने पशुओ में नस्ल सुधार, खिलाई पिलाई एवं प्रबन्धन की गूढ़ जानकारी देते हुए उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गड़सा द्वारा किसानों के लिए लाभकारी योजनाओं सम्बन्धी जानकारी भी प्रदान की। इस अवसर पर किसानों के कृषि एवं पशुपालन से सम्बनिधत विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गई। केन्द्र के वैज्ञानिक डा0 देबब्रत सेठी ने भेड़ पालन के लाभ एवं संस्थान किसान सहभागिता द्वारा कृषि तकनीकों के विकास से किसानो की आर्थिक सिथति में सुधार की सम्भावना जताई। पशु विज्ञान की विशेषज्ञ डा0 दीपाली कपूर ने पशुओ में होने वाले अन्त: एवं बाह्य परजीवियो की रोकथाम के बारे में बताकर किसानो से कहा कि पशुशाला की फर्श कच्ची-पक्की तथा दीवारें पक्की होनी चाहिए और पशुशाला में वायु के आवागमन एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। कार्यक्रम में उधान विज्ञान के विशेषज्ञ डा0 रमेश कुमार राणा ने गड़सा घाटी के लिए उपयुक्त सब्जियों की उन्नत खेती एवं सेब, प्लम, अनार, नाशपती आदि की उन्नत बागवानी कों ग्रामीणों की आमदनी का जरिया बताया जबकि कीट विज्ञान के विशेषज्ञ डा0 रमेश लाल ने सब्जियों एवं फलों में एकीकृत कीट प्रबन्धन की विस्तृत चर्चा की। कृषि विज्ञान प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी का मुख्य उददेश्य किसानों के समाजिक आर्थिक स्तर एवं कृषि तथा पशुपालन से जुड़ी जानकारी एकत्र करना था। इस कार्यक्रम में पशु व भेड़ पालन में आ रही विभिन्न समस्याओं एवं उनके समाधान पर चर्चा की गई। प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी में भलाण व आस-पास के गाँवों के लगभग 30 किसानों एवं 20 ग्रामीण महिलाओ ने भाग लिया। इस अवसर पर किसानो को स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया गया। कृषि विज्ञान प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी आयोजित करने के लिए किसानों ने केन्द्र का धन्यवाद किया।
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