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Backजय किसान जय विज्ञान सप्ताह समापन समारोह पर रिण्डलिया बुजुर्ग गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से प्राप्त निर्देशानुसार दिनांक 23 दिसम्बर से 29 दिसम्बर, 2015 तक जय किसान जय विज्ञान सप्ताह का आयोजन किया गया। सप्ताह के समापन के अवसर पर दिनांक 29.12.2015 को संस्थान द्वारा ग्राम रिण्डलिया बुजुर्ग में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक डा. एस.एम.के. नकवी ने कहा कि राजस्थान जैसी जलवायु वाले शुष्क एवं अद्र्धशुष्क क्षेत्र में, जहाँ वर्षा के ऊपर निर्भरता बहुत ही अधिक होने के कारण भेड़ एवं बकरी पालन यहाँ के किसानों के लिए आजीविका का एक मुख्य स्रोत है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा भेड़ की एक ऐसी नर्इ नस्ल विकसित की गर्इ हैं जो दो से तीन मेंमने पैदा करती है तथा अधिक दूध एवं शारीरिक भार लिये हुए है। उन्होंने किसानों को स्वयं सहायता समूह बनाकर भेड़ पालन करने का आवाहन किया ताकि उन्हें उनकी भेड़ों का अच्छा दाम मिल सके। इस कार्यक्रम में पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अरूण कुमार तोमर ने बताया कि किसानों को मेंढ़े का चुनाव ध्यान से करना चाहिए। पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष डा. ए. साहू ने भेड़ों के पोषण सम्बन्धी पहलुओं पर प्रकाश डाला। तकनीकी स्थानान्तरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा. जी.एल. बागड़ी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि तकनीकी स्थानान्तरण विभाग के वैज्ञानिक एंव तकनीकी अधिकारी नियमित रूप गाँवों में जाते रहते हैं एवं किसानों की समस्याओं का निस्तारण करते हैं । कार्यक्रम में डा. देवेन्द्र कुमार, डा. अजय कुमार, डा. रूपचन्द, डा. फतेह सिह, डा राजकुमार एवं डा. लीलाराम गुर्जर ने भी संगोष्ठी में भाग लिया एवं किसानों की समस्याओं के निवारण पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में 35 किसानों ने भाग लिया।
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