|
|
|
|
|
|
|
Backमरूक्षेत्र में वैज्ञानिक प्रबन्धन द्वारा भेड़ व बकरी पालन विषय पर दो दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण
आत्मा योजना के तहत दो दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, मरू क्षेत्रिय परिसर बीकानेर में दिसम्बर 10 से 11 एवं 15 से 16 को आयोजित किया गया। प्रभागाध्यक्ष डा0 ए.के पटेल द्वारा इस अवसर पर पशु-पालको के लिए संस्थान द्वारा चलार्इ जा रही लाभकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप मे बताया तथा प्रत्येक पशुपालक को प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण की आवष्यकता पर जोर दिया। उपनिदेशक, कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक, डा0 बी. आर. कडवा एवं उप-परियोजना निदेशक श्री अमर सिहं गिल भी ने पशु-पालको को भेड़ व बकरी पालन को एक व्यवसाय की तरह लेने के लिए भी प्रेरित किया।
प्रथम प्रशिक्षण के समन्वयक डा0 आषीष चौपडा और द्वितीय प्रशिक्षण के समन्वयक डा0 निर्मला सैनी ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण में लगभग 65 पशु-पालको को संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा देश के वर्तमान परिवेश में भेड़ पालन की उपयोगिता एवं स्थिती पर व्यख्यान दिया। उन्नत भेड़ एवं बकरी पालन संबनिधत तकनीकियों जैसे देशी भेडों में नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान, आवास व्यवस्था, स्वास्थ्य प्रबन्धन एवं टीकाकरण आदि विषयों पर जानकारी दी। पशु आहार बट्टिका व मिश्रण बनाने की विधि एवं मशीन द्वारा ऊन कल्पन की विधि आदि तकनीकियों का प्रायोगीक प्रशिक्षण भी पशु-पालको को दिया। इसके अतिरिक्त नार्बाड बैंक के अधिकारी द्वारा भी पशुपालन मे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। पशुओं में बांझपन निवारण एवं सम्बनिधत रोगो पर राजुवास के प्रो. डा. जे.एस. मेहता ने पशुपालको को विस्तृत जानकारी दी। दोनों प्रशिक्षण के समापन में पशु-पालको के लिए प्रश्नोतरी का आयोजन किया गया एवं विजेताओं को उनकी जानकारी के अनुसार प्रथम एवं द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिये। संस्थान के प्रभागाध्यक्ष ने पशु-पालको को नयी तकनीकियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ हो।
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|