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Backभेड़ एवं बकरी पालन पद्धति द्वारा मांस उत्पादन की गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार हेतु रणनीतियां विषय पर एक दिवसीय परस्पर संवाद का अयोजन



केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा आज दिनांक 28.11.2015 को लघु रोमन्थी पालन पद्धति द्वारा मांस उत्पादन की गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार हेतु रणनीतियां विषय पर एक दिवसीय परस्पर संवाद बैठक का अयोजन किया गया। कार्यफ्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं भूतपर्वू उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. राधा मोहन आचार्य ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. आचार्य ने कहा कि संस्थान द्वारा अनुसंधान करके जो अनेकों तकनीकें विकसित की जा रही हैं उन्हें किसानों के द्वार तक पहुंचाया जाए। उन्होंने किसानों से भी आह्वाहन किया कि वे नियमित रूप से संस्थान से सम्पर्क बनाकर भेड़ एवं बकरी पालन में जो कठिनाईयां आ रही हैं उनके सामाधान के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. एस.एम.के. नकवी ने सभी गणमान्य सदस्यों का साफा पहना कर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। डॉ. नकवी ने इस अवसर पर संस्थान द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों एवं देश एवं विदेशों में भेड़-बकरी पालन कि वर्तमान स्थिति से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर कर्नाटक भेड़ एवं ऊन विकास कारपोशन,  बैंगलूरू के अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि श्री पंडिथ राव छीदरी ने कर्नाटक राज्य में भेड़ एवं बकरी पालकों की दशा एवं उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की । राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद के निदेशक एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. वी.वी. कुलकर्णी ने अपने संबोधन में कहा कि भेड़ एवं बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है। भेड़ एवं बकरी पालक वैज्ञानिक पद्धति से इनका पालन करके अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है। इस परस्पर संवाद बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 100 किसानों, वैज्ञानिकों, व्यवसायियों, गैर सरकारी संगठन के, राज्य सरकार, नाबार्ड़, एवं वनस्थली कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस परस्पर संवाद बैठक के आयोजन सचिव डॉ. आर्तबन्धु साहू ने बताया कि इस बैठक में किसानों, वैज्ञानिकों, व्यवसायियों, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों के बीच भेड़ एवं बकरी पालन की प्रजनन, पोषण, स्वास्थ्य एवं विपणन आदि कठिनाईयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी तथा बैठक द्वारा जो भी सिफारिशें की जाएंगी उन्हें संबंधित को उचित कार्रवाई हेतु प्रेषित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन श्री सहायक निदेशक (राजभाषा) श्री मुरारी लाल गुप्ता ने किया। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।



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