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Backअपेक्षित मानसून की स्थिति में गाँव तांतिया में किसान संगोष्ठी का आयोजन



आने वाले मानसून की स्थिति में किसानों को जागरूक करने की कड़ी में संस्थान के तकनीकी स्थानांतरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा गाँव तांतिया में दिनांक 27 जून 2015 को भेड़, बकरी पालकों एवं किसानों के साथ एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसी सप्ताह में किसानों के साथ यह तीसरी संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में 15 से ज्यादा भेड़, बकरी पालकों एवं किसानों ने भाग लिया। संगोष्ठी में डॉ जी एल बागड़ी (प्रधान वैज्ञानिक) ने किसानों को मौसम विभाग द्वारा जारी आगामी मानसून के औसत से कम रहने के बारे में बताया। किसानों को कम पानी में उगने वाली चारा एवम अन्य फसलें उगाने, पानी को व्यर्थ न बहाने, पशुओं को उचित  आहार के साथ समय पर पानी पिलाने के बारे में बताया गया। उन्होने बताया कि ऐसे मानसून की स्थिति में पशुओं के लिए चारे दाने का प्रबंध  रखे ताकि पशुओं के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव न पड़े। संगोष्ठियों में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के साथ पशुओं के लिए उचित चारा एवं पानी व्यवस्था करना, कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली चारा फसलों को उगाना, पानी का सुनियोजित उपयोग इत्यादि विषय पर चर्चा की गई एवं उन्हे सूखे से बचाव के उपाय बताए गए। इसी क्रम में संस्थान के पशु  पोषण विभाग द्वारा “भेड़पालन हेतु मानसून ऋतु में असामयिक सूखे की स्थिति में क्या करें।” एवं  “सूखे की स्थिति में करने योग्य कृषि क्रियाएँ” विषय पर तैयार पम्फ्लेट्स भी बांटे गए। इन पम्फ्लेट्स के माध्यम से संस्थान ने न केवल गर्मी से लड़ने के उपाय सुझाएँ हैं अपितु टोंक क्षेत्र हेतु चारा एवं अन्य फसलों की किस्में (बाजरा, ज्वार, उड़द, चौला, मूंग, मोठ, ग्वार एवं तिल) भी सुझाई हैं  जो कम पानी भी अधिक पैदावार देती हैं।

संगोष्ठी के पश्चात किसानों से सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन तकनीक से केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा विकसित अथवा परीक्षित तकनीकों के उपयोग एवं मांग पर, किसानों को भेड़ पालन में आ रही समस्याएँ इत्यादि आंकड़े एकत्रित किए गए। संगोष्ठी लगाने के लिए किसानों ने संस्थान को धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी में तकनीकी स्थानांतरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के डॉ जी एल बागड़ी, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ राजकुमार, वैज्ञानिक, डॉ एल आर गुर्जर, वैज्ञानिक, श्री रतन लाल बैरवा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एवं श्री राम किशन मीणा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने भाग लिया।



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