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Backआगामी कमजोर मानसून के मध्यनजर किसान संगोष्ठी का आयोजन



संस्थान के तकनीकी स्थानांतरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा गाँव सोडा में दिनांक 20 जून 2015 को भेड़, बकरी पालकों एवं किसानों के साथ ग्राम सोडा में एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में 20 से ज्यादा भेड़, बकरी पालकों एवं किसानों ने भाग लिया। संगोष्ठी की शुरुआत में डॉ जी एल बागड़ी (प्रधान वैज्ञानिक) ने किसानों को आगामी मानसून के औसत से कम रहने के बारे में बताया। उन्होने कहा कि कमजोर मानसून की भविष्यवाणी को हमें गंभीरता से लेना चाहिए। किसानों को कम पानी में उगने वाली चारा एवम अन्य फसलें उगाने, पानी को व्यर्थ न बहाने, पशुओं को उचित  आहार के साथ समय पर पानी पिलाने के बारे में बताया गया। उन्होने बताया कि कमजोर मानसून की स्थिति में पशुओं केलिए चारे दाने का प्रबंध  रखे ताकि पशुओं के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव न पड़े। तत्पश्चात किसानों से सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन तकनीक से केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा विकसित अथवा अनुमोदित तकनीकों के उपयोग एवं मांग पर आंकड़े एकत्रित किए गए। आंकड़ों के विश्लेषण से निष्कर्ष निकला कि किसान भेड़ पालन एवं कृषि से जुड़ी सभी तकनीक एवं सुझाव तुरंत ही अपनाने को तैयार हैं। करीब 94% भेड़ पालक भेड़ की खेरी नस्ल पाल रहे हैं,  परंतु लगभग सभी किसान कृत्रिम गर्भादान तकनीक द्वारा भेड़ की पाटनवाड़ी नस्ल अपनाना चाहते हैं। भेड़ों के पोषण के बारे में पूछने पर पता चला कि किसान मूंग, मूँगफली, बबूल की फलियाँ, खेजरी एवं नीम के पत्ते सामान्य तौर पर एवं बबूल की फलियाँ विशेष तौर पर खिलाते हैं। भेड़ों में टीकाकरण (फड्किया, माता का  रोग, पी पी आर एवं खुर पका मुह पका) एवं  सिरोही बकरी/बकरे को किसानों  द्वारा सबसे ज्यादा मांग के तौर पर प्रस्तुत किया गया। किसानों को भेड़ पालन में आ रही पाँच सबसे ज्यादा कठिनाइयाँ इस प्रकार थी – चरागाह जमीन का कम होना, विपणन की समस्या, नई पीढ़ी का भेड़ पालन में रुझान न होना, भेड़ों के लिए शेड का न होना एवं भेड़ों को चारा खिलाने एवं पानी पिलाने के लिए टर्फ का न होना। संगोष्ठी लगाने के लिए किसानों ने संस्थान को धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी में तकनीकी स्थानांतरण एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के डॉ जी एल बागड़ी, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ राजकुमार, वैज्ञानिक, डॉ एल आर गुर्जर, वैज्ञानिक, श्री रतन लाल बैरवा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, श्री राम किशन मीणा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एवं श्री दिनेश कुमार यादव, तकनीकी अधिकारी ने भाग लिया।



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