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Backभेड़ पालन व्यीवसायिक दृष्टि से करें- प्रो. गहलोत
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान, मरू क्षेत्रीय परिसर में भेड़ पालकों के लिए ‘शुष्कक्षेत्र में वैज्ञानिक प्रबन्धन द्वारा भेड़ पालन’ पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. (डा) ए.के. गहलोत, कुलपति, राजूवास ने भेड़ पालकों को अधिक लाभ लेने के लिए भेड पालन व्यवसायिक दृष्टि से करने की सलाह दी। प्रो. गहलोत ने कहा कि कम सिंचित भूमि, गर्म व ठण्ड़ी जलवायु एवं कम वर्षा के उपरान्त भी राजस्थान का किसान आत्महत्या नहीं करता क्योंकि यहां का किसान कृषि के साथ पशु पालन पर जोर देता है, अब समय आ गया है कि भेड़पालक भी नई-नई तकनीकियां अपनाकर भेड़-पालन को व्यवसायी दृष्टि से कर अधिक लाभ कमाये।
समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि डा.एन.वी.पाटिल, निदेशक, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र ने कहा आज भेड़ पालक संगठित होकर वैज्ञानिक तकनीकियां अपनाकर भेड़ों से अधिक ऊन उत्पादन लेवें एवं ऊन से बनने वाले उत्पाद जैसे गलीचा, कम्बल, दरी आदि कुटीर उद्योग के रूप में अपनाकर अधिक आय व रोजगार प्राप्त करें।
मरू क्षेत्रीय परिसर के प्रभागाध्यक्ष डा. ए.के.पटेल ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं भेड़ पालकों का स्वागत किया एवं तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान हुए कार्यक्रम की जानकारी दी। यह प्रशिक्षण बीकानेर जिले के भेड़ पालकों के लिए आयोजित किया था । इस प्रशिक्षण में संस्थान द्वारा विकसित नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान संतुलित पशु आहार, पशु स्वास्थ, उन्नत चारगाह की नवीन तकनीकियों की जानकारी भेड़ पालकों को दी गई। समापन समारोह में भेड़ पालकों को मुख्य अतिथि द्वारा प्राथमिक चिकित्सा किट व पोषक पशु आहार भी वितरित किया गया ।
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