Backअविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र, गड़सा, जिला कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में तीन दिवसीय “भेड़ एवं खरगोश पालन” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल्लू, मंडी एवं लाहौल-स्पीति जिले के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के 60 किसानों ने भाग लिया l
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र, गड़सा जिला-कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में आज दिनांक 17 अक्टूबर, 2024 को संस्थान द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति (ट्राइबल सब प्लान) एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के माध्यम से तीन दिवसीय (15 से 17 अक्टूबर, 2024) "भेड़ एवं खरगोश पालन" पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर की अध्यक्षता में किया गया l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर. भट्टा, उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली, सम्मानित अतिथि डॉ. जी. के. गौड़, सहायक महानिदेशक (पशु उत्पादन एवं प्रजनन), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली का हिमाचली परंपरा से केंद्र के प्रभारी डॉ. आर पुरुषोत्तम एवं वैज्ञानिकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया l
केंद्र के प्रभारी डॉ. आर पुरुषोत्तम ने संस्थान में चल रही गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले से 30 ट्राइबल महिला व पुरुष किसान एवं कुल्लू व मंडी जिले के 30 अनुसूचित जाति महिला व पुरुष किसानों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया तथा विस्तार से प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में सभी को अवगत कराया l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर. भट्टा, उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, ने संस्थान एवं केंद्र द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि समय-समय पर केंद्र द्वारा किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करते रहने का प्रयास प्रशंसनीय है I
सम्मानित अतिथि डॉ. जी. के. गौड़, सहायक महानिदेशक (पशु उत्पादन एवं प्रजनन), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, ने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति द्वारा पशुपालन करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि देश के किसानों द्वारा पशुपालन का कार्य एवं कृषि से सम्बंधित कार्य करना अतुल्य तथा सराहनीय है I अविकानगर संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी किसानों को सम्बोधन देते हुए कहा कि हमारे संस्थान का हमेशा प्रयत्न रहता है कि नई-नई तकनीकियों को किसानों तक पहुंचाया जाये तथा आपसे उम्मीद है कि प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त ज्ञान को अपने तक न रखकर अपने आस-पास के लोगों के साथ साझा करके कार्यक्रम को सफल बनायेंगे l डॉ. आर पुरुषोत्तमन, अध्यक्ष, उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र ने केंद्र द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए सभी किसानों को निदेशक महोदय की बताई गयी वैज्ञानिक सोच को अपनाने पर जोर दिया l किसानों के जीविकोपार्जन में सहायता हेतु किसानों को एक-एक किल्टा एवं बैग वितरित किये गए I इस शुभ अवसर पर केंद्र की विभिन्न गतिविधयों पर आधारित एक वीडियो का विमोचन किया गया I
इस दौरान प्रशिक्षुओं में से 02 प्रशिक्षु किसान श्री पंछी राम एवं श्रीमती सुनीता देवी ने प्रशिक्षण अनुभव साझा किया I इस अवसर पर किसानों द्वारा सांस्कृतिक पहाड़ी नृत्य पेश किया गया I केंद्र के वैज्ञानिक, डॉ. अब्दुल रहीम ने उप-महानिदेशक एवं सहायक महानिदेशक महोदय को पधार कर मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद दिया l साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु दूर-दराज से आये किसान भाई-बहनों एवं संस्थान के सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया l कार्यक्रम के सफल संचालन में क्षेत्रीय केंद्र के तकनीकी कर्मचारियों एवं प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया l