Backसंस्थान द्वारा उदयपुर जिले के झाड़ोल ब्लॉक के 24 आदिवासी किसानो का पांच दिवसीय एक्सपोज़र भ्रमण के साथ खरगोश पालन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम l
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र उदयपुर एवं केड फाउंडेशन उदयपुर के सहयोग से उदयपुर जिले के झाड़ोल-फलासिया ब्लॉक के विभिन्न गांवो (घोड़ीमार, मानपुर, मिघाना तुरंगढ, अमोड, सेमला, सिवाना, काराणी घाटी, जबला तुम्बर, डोलरिया एवं आमीवाडा आदि) के 24 आदिवासी किसानों (12 महिला एवं 12 पुरुष ) के लिए पांच दिवसीय कार्यक्रम के तहत शैक्षणिक भ्रमण और तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर समापन दिनांक 18 मार्च,2024 को शाम 5 बजे संस्थान के सभागार मे किया गया l संस्थान में आए आदिवासी किसानों ने उन्नत खरगोश पालन पर तीन दिन मे विभिन्न पहुंलुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया l तीन दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नस्ल सुधार, पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य, चारा प्रबंधन एवं अन्य मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में विस्तार से व्याख्यान विभिन्न विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिको एवं तकनीकी अधिकारी द्वारा दिया गया l
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने आदिवासी किसानों को समेकित खेती एवं पशुपालन को अपनाने पर जोर दिया जिससे की किसानों को वर्षभर आमदनी होती रहे | वर्तमान समय नवीन तकनिकीयों को अपनाकर ही आप आदिवासी किसान अपनी आमदनी दुगनी कर सकते है |सभी प्रशिक्षण मे शामिल आदिवासी किसानो को प्रशिक्षण समापन के अवसर पर ट्रेनिंग पूर्ण करने का प्रमाण पत्र निदेशक महोदय की उपस्थित मे वितरित किये गये l साथ मे पशुपालन एवं खेती उपयोगी सामानो (खरगोश, भेड़ व बकरी पालन कैलेंडर, संकरस का बीज, बैग, फ़ाइल, स्टील बाल्टी, दराती, पानी की बोतल, दिवार घड़ी, खोडी आदि) का भी अपनी दैनिक जीवन मे सुधार हेतु वितरण निदेशक एवं अविकानगर के वैज्ञानिको की उपस्थिति मे किया गया l
आदिवासी किसानो के समापन कार्यक्रम मे विभाग अध्यक्ष डॉ रणधीर सिंह भट्ट, डॉ गणेश जी सोनावाणे, डॉ रमेश चंद शर्मा, डॉ सी पी स्वर्णकार, डॉ सत्यवीर सिंह डागी, डॉ डी के शर्मा, डॉ अमरसिंह मीना द्वारा भेड़पालन के विभिन्न बिन्दुओ पर किसान के साथ संवाद किया l सोहनलाल अहारी, रामखिलाडी मीना आदि द्वारा उपरोक्त कार्यक्रम को पूरा करने मे पूरा सहयोग किया गया l अविकानगर के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना द्वारा कार्यक्रम की जानकारी दी गई l