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Backअनुसंधान पर आधारित अकाल में भेडो़ं को नागफनी की खिलाई का प्रदर्षन (निकरा परियोजना)



आज दिनांक 08/07/2014 को निकरा परियोजना के अन्तर्गत किसान के घर पर अकाल की परिस्थिती में भेड़ों को नागफनी की खिलाई का प्रदर्षन संस्थान के नजदीक चांदा की ढाणी में किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद के महानिदेषक डा एस अय्यप्पन के निकरा कार्यषाला के समापन समारोह के दौरान किये गये आह्वान पर आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेषक डा एस एम के नकवी और निकरा परियोजना के प्रधान अन्वेशक डा ए साहू के साथ विभिन्न विभागो के वैज्ञानिक और तकनीकी अधिकारियो ने भाग लिया। गांव के किसान भी प्रदर्षन में सम्मिलित हुयेे। निदेषक महोदय ने कार्यक्रम के दौरान किसानो को प्रतिकूल जलवायु परिस्थिति में पषुओं को कैसे भुखमरी से बचाव किया जा सकता है जानकारी प्रदान की एंव नागफनी को बाड़ के रूप में खेतों के चारो ओर उगाने की सलाह भी दी। हिन्दी में प्रकाषित आवष्यक जानकारी वाले फोल्डर का वितरण भी किसानों में किया गया। संस्थान अनिष्चित मोसम के कारण अकाल की परिस्थितियों में पषुओं विषेशतया भेड व बकरियों के पोशण, स्वास्थय, रखरखाव, प्रजन्न इत्यादि पर जानकारी प्रदान कर रहा है। 

 
नागफनी को प्रयोगात्मक रूप में यह पाया गया कि यह खाद्य घटक जिसमें की पानी की मात्रा लगभग 85 प्रतिषत तथा सूखे चारे की मात्रा 15 प्रतिषत है, यदि भेंडों को दो किलो प्रति जानवर प्रतिदिन के हिसाब से खिलाया जाये तो यह पानी की 50 प्रतिषत और सूखे खाद्य की 30 से 40 प्रतिषित कमी को पूरा करने में सक्षम है। मरूप्रदेष में प्रतिकूल जलवायु परिस्थिति में पाया जाने वाला यह कांटेदार पौघा नागफनी किसान के पषुओ के लिये वरदान साबित हो सकता है।

 

 

CSWRI AT FARMERS’ DOORSTEP: CLIMATE RESILEANT SHEEP PRODUCTION

A demonstration program on cactus feeding was organised at farmers’ door step, ‘Chanda ki Dhani’, a nearby village of the Institute on 08.07.2014. This program was organised as per the call of honourable DG ICAR, Dr S. Ayyappan on the eve of plenary session of NICRA workshop at NASC, New Delhi. Director, Dr S.M.K. Naqvi, PI, NICRA Project, Dr A Sahoo and scientists and technical staff different divisions and sections of the Institute were present in the occasion. Nearly 20 sheep farmers and their family members participated in the program. Director of the institute stressed upon the issue related to climate change and drought condition and ensuing management of livestock/sheep to protect against starvation and production losses. He suggested plantation of cactus on field boundary to harvest forage biomass for feeding during scarcity. Information folders with respect to feed scarcity and management were also distributed to the farmers. Institute is actively involved in the dissemination of knowledge related to nutrition, health, management and breeding aspects with regard to changing climatic condition and drought situation.

Cactus (Opuntia species), a promising xerophyte plant in arid and semi-arid ecology of the country is observed to provide enough forage biomass during scarcity period as it contains 15% DM and 85% water. In the prevailing drought condition feeding of 2kg chopped cactus to sheep could provide 30% of DM vis-a-vis meeting half of the daily water requirement. Cactus feeding would thus be an answer to both feed and water scarcity during drought condition.

 



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