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Backकेंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के 63वा स्थापना दिवस के अवसर पर किसान -वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं उन्नत तकनिकीयों का प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का आयोजन हुआ l



 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में 63वा स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया l स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि डॉ इंद्रजीत सिंह कुलपति गुरु अंगद देव वेटरनरी एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय लुधियाना तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. ए. के. मोहती निदेशक केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठडॉ. एम. के. चेटली निदेशक केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम मथुराडॉ ए. साहू निदेशक राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान संस्थान बीकानेर एवं स्थापना दिवस कार्यक्रम के समन्वयक पशु स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. गणेश जी. सोनवाणे की उपस्थिति में आयोजित हुआ l

 स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर संस्थान में पधारे अतिथियों का संस्थान के विभिन्न सेक्टरों पर संस्थान की उन्नत तकनीकियों एवं उन्नत नस्ल के पशु  (भेड़, बकरी व खरगोश की प्रदर्शनी) का भ्रमण निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर के द्वारा करवाया गया l अतिथियों द्वारा सिरोही बकरी परियोजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति  उपयोजना के तहत चाँदसेन गाँव के पांच बीपीएल परिवारों को आजीविका के लिए 9 बकरी एवं 5 बकरे कुल 14 सिरोही बकरियों का वितरण चयनित लाभार्थियों को किया गया l इस अवसर पर पशु अनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ सारथी मिश्रा ने सिरोही बकरी नेटवर्क मे वर्षभर किये जा रहे कार्य को अथितियों को अवगत कराया l

 स्थापना दिवस के अवसर पर निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर द्वारा सभी अतिथियों को साफा और संस्थान के भेड़ की ऊन से निर्मित शॉल एवं ऊन पुष्प से स्वागत किया गया l तथा इस अवसर पर सभी अतिथियों ने संस्थान का केक काटकर 63 वा स्थापना दिवस  मनाया गया l कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ इंद्रजीत सिंह ने सभी को बताया पंजाब और हरियाणा का किसान खेती एवं पशुपालन में उन्नत तकनीकियों को अपनाने में देश में अग्रणी है इसी कारण खेती और पशुपालन में किसानों की समेकित सोच के कारण आजीविका बढ़ाने में पंजाब और हरियाणा का किसान सबसे आगे है l तथा बताया कि आपको खेती पशुपालन उन्नत तकनीकियों की जानकारी इनसे जुड़े संस्थानों से जुड़कर ही प्राप्त हो सकती है इसलिए आप खेती, पशुपालन, बागवानी, वेजटेबल्स, डेरी, फिशेरी आदि के व्यवसाय से सम्बंधित जानकारी लेकर अपना रोजगार शुरू कर सकते है l आप संस्थान से जुड़कर उनकी उन्नत तकनीकियों को अपनाकर ही निश्चित ही आने वाले समय में आपने परिवार की आजीविका बढ़ा सकते है l

 अंत में मुख्य अतिथि ने सभी किसानों को समेकित खेती अपनाते हुए वर्ष भर कमाई के लिए बहुत जरूरी बताया l कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर द्वारा कार्यक्रम में पधारे अतिथियों को बताया कि इस कार्यक्रम में ट्राइबल ओर अनुसूचित जाति के 60 किसान लाहौल-स्पीति एवं कुल्लू जिले हिमाचल प्रदेश से,  100 ट्राइबल किसान उदयपुर व डूंगरपुर जिले से, 50 ट्राइबल किसान दौसा जिले से एवं 50 अनुसूचित जाति के किसान बीकानेर के साथ मालपुरा तहसील आदि के किसान  संस्थान की भारत सरकार की विभिन्न स्कीम जैसे अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के माध्यम से यहां पर शैक्षणिक भ्रमण के साथ प्रशिक्षण आदि मे भाग लेकर आज स्थापना दिवस के कार्यक्रम मे भाग ले रहे हैं l

निदेशक द्वारा कार्यक्रम में संस्थान द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से अतिथियों तथा किसानों को बताया तथा बताया कि आने वाले समय में कम से कम संसाधनों में पालने वाला कोई पशु है तो भेड़ एवं बकरी है जो किसान को एक निश्चित आजीविका प्रदान कर सकता है इसी को पूरा करने के लिए संस्थान अपनी टीम के साथ  राजस्थानहिमाचलतमिलनाडु एवं देश के अन्य राज्यों में सेवा दे रहा है l कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों द्वारा भी अपने संस्थान की गतिविधियों एवं उनके पशुओ के बारे में विस्तार से उपस्थित किसानों को संबोधन दिया गया l कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा संस्थान के पशु स्वास्थ्य कैलेंडर एवं अविपुंज हिंदी पत्रिका के प्रकाशनों का विमोचन किया गया l

 कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा राजस्थान ओर हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को भी पुरस्कृत किया गया l कार्यक्रम का संचालन डॉ. लीलाराम गुर्जर प्रभारी तकनीकी स्थानांतरण विभाग एवं धन्यवाद प्रस्ताव मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमान इंद्रभूषण कुमार द्वारा दिया गया l अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अमर सिंह मीना ने दी कार्यक्रम की जानकारी

 



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