Backकेंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के दक्षिण क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र मन्नावानुर, तमिलनाडु ने अपने स्थापना के 59 वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में किसान -वैज्ञानिक संवाद एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण का आयोजन l
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर तहसील मालपुरा जिला टोंक (राजस्थान) के दक्षिण क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र मन्नावानुर, राज्य-तमिलनाडु द्वारा राज्य के पहाड़ी जिलों के एससी क्षेणी के किसानो को अनुसूचित जाति उपयोजना के माध्यम से किसान -वैज्ञानिक संवाद द्वारा समकलित खेती पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया l वैज्ञानिक संवाद एवं स्थापना दिवस के कार्यक्रम मे मुख्य अथिति संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर, प्रशासनिक अधिकारी भीम सिंह, मन्नावानुर सेंटर के प्रभारी डॉ.पी.थिरूमुरुगान,वैज्ञानिक डॉ.एस.जगवीरा पाण्डेयन एवं केंद्र के समस्त कर्मचारियों द्वारा कार्यक्रम में भाग लिया गया l
कार्यक्रम में पधारे मुख्य अथिति निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर एवं अन्य अथिति का केंद्र द्वारा दक्षिण परंपरा से स्वागत सत्कार किया गया l कार्यक्रम को सम्बोधन देते हुए निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने सभी को समेकित खेती की ओर जाने का निवेदन किया गया जिससे आप वर्षभर परिवार की आजीविका बनी रहे l उन्होंने बताया कि आप भेड़, खरगोश, गाय आदि पशुओ के पालन के साथ सब्जी, फल ओर मसाले का आर्गेनिक तरीके से उत्पादन करके अच्छा आमदनी अर्जित कर सकते है l डॉ तोमर कहा कि आप उतरी भारत के हिमाचलप्रदेश के किसानो की प्रकार की बागवानी, सब्जी ओर टूरिस्ट आधारित पारिवारिक आजीविका से सीखकर कुछ अपने फार्मिंग सिस्टम को ऐसी दिशा देने की जरुरत है l
इस अवसर पर तमिलनाडु राज्य की किसानो की खरगोश मांस संगठन के साथ ऍमओयू किया गया जिससे अविकानगर संस्थान की खरगोश पालन ऊनत तकनीकी को राज्य के पहाड़ी क्षेत्र के सभी वर्ग के लोगो तक पहुंचाया जायेगा l
केंद्र के कार्यलय प्रभारी डॉ पी थिरूमुरुगान ने बताया कि अनुसूचित जाति क्षेणी के किसानो को तमिलनाडु राज्य की कृषि ओर पशुपालन संस्थान के साथ ऊनत खेती ओर पशुपालन पर भ्रमण ओर लेक्चर्स करवाया जायेगा l अविकानगर के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम की जानकारी से मीडिया को अवगत कराया गया l