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Backदक्षिण भारत राज्यों मे ब्रोयलर खरगोश फार्म एक अच्छा व्यवसाय पर वार्ता l



 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर तहसील मालपुरा जिला टोंक (राजस्थान) के दक्षिण क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र माननावनूर राज्य-तमिलनाडु  द्वारा दक्षिण भारत राज्य तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश एवं  तेलंगाना आदि राज्यों मे ब्रोयलर खरगोश फार्म एक अच्छा व्यवसाय का रूप ले चूका है l

इसकी बढ़ती ग्रोथ को देखते हुई निदेशक अविकानगर संस्थान डॉ. अरुण कुमार तोमर द्वारा सेंटर के आसपास के रैबिट इकाई का भ्रमण किया गया l प्रगतिशील खरगोशपालक किसानो एम. शर्मीला ओर मिस्टर करनाप्रकाश व मिसेज करनाप्रकाश जिला पोलाची द्वारा निदेशक एवम टीम को अवगत कराया कि रैबिट ब्लड मिक्स्ड हर्बल हेयर आयल (खरगोश के रक्त से तैयार सिर के बालो के लिए हर्बल तेल) उनके द्वारा तैयार करके लोकल लोगो को सप्लाई की जा रही है l रैबिट ब्लड मिक्स्ड हर्बल हेयर आयल के कई फायदे किसानो ने निदेशक को बताया जैसे बालो की ग्रोथ ओर स्ट्रेंथ को बढ़ाना , झड़ना रोकना आदि उसके उपयोग से होता है l इसी तरह का फीड बैक उपयोगकर्ता पर्सन से उनको मिलता हैएवं कुछ देश को इंडियन पोस्ट जैसे श्रीलंका, मलेसिया ओर सांगापुर आदि को भेजा जाता है ओर बाकि को टूरिस्ट नागरिक के माध्यम से पूर्ति की जा रही है l

संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. . एस. राजेन्द्रन ने बताया कि रैबिट ब्लड मिक्स्ड हर्बल हेयर आयल मानव मे सिर के बालो का डेड्राफ कम करने, बालो का झड़ना कम करना, बालो के सफेद होने को रोकना, सिर के बालो की थिकनेस, लम्बाई ओर ग्रोथ को बढ़ाता है, साथ ही समय से पहले सिर के बालो के काला रंग को कमजोर होने की दर को रोकता है तथा उन्होंने बताया कि यह आयल कम्प्यूटर ओर डिजिटल स्क्रीन पर लम्बे समय तक कार्य करने के कारण होनी वाली आँखो की तिलमिलापन को भी रोकने ओर कम करने मे मदद करता है l इसके के कारण खरगोश पालक किसान 100 एमएल रैबिट ब्लड मिक्स्ड हर्बल हेयर की कीमत कम से कम 200 से 300 रूपये तक बेचीं जा रही है ओर इसके कारण दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के खरगोश पालक किसान इस आयल के निर्माण से खरगोश के मांस से भी ज्यादा कमाते है l जो लोग रैबिट मीट खाने मे हिचकिचाते है वो उसके आयल को आसानी से बिना कोई दिकत के उपयोग कर रहे है l

डॉ. राजेन्द्रन ने बताया कि अभी इसके उपभोक्ता ही इसका प्रचार ओर प्रसार अपने अनुभव ओर फायदे के आधार पर कर रहे है जिसके करना तमिलनाडु मे कई किसानो 1000 से 2000 तक रैबिट इकाई संचालित कर रहे है l इसका वास्तविक वैज्ञानिक कारण अभी तक पता नहीं जो भविष्य का अनुसन्धान का विषय है जबकि यह माना जाता है कि रैबिट ब्लड मे सुल्पर युक्त अमीनो एसिड ओर बायोटिन विटामिन की बहुतायत रहती है इन सबके अतिरिक्त भी बहुत से अमीनो एसिडस ओर उनके विभिन्न  अवयव की मात्रा भी मिलती है l अविकानगर के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम की जानकारी से मीडिया को अवगत कराया गया

 



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