Backकेंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गड्सा जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश ने अपने 60 वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में हीरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया l
अविकानगर संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र में 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर हीरक जयंती पट्टीका की स्थापना के साथ समारोह का आयोजन किया गया l जिसमे मुख्य अथिति डॉ एस. के. गर्ग कुलपति राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अरुण कुमार तोमर निदेशक अविकानगर, विशिष्ट अथिति डॉ अनिल कुमार सहायक महानिदेशक समन्वयक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली, डॉ उमेश सिंह प्रधान वैज्ञानिक केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ, डॉ बी. पी. कुशवाहा प्रधान वैज्ञानिक भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झाँसी उत्तरप्रदेश, डॉ आर पुरूशोतम प्रभारी गडसा, श्री इन्द्रभूषण कुमार मुख्य प्रशासीनिक अधिकारी, श्री राज कुमार मुख्य वित्त अधिकारी आदि की उपस्थिति में कर साथ में संस्थान प्रबंधन कमिटी की मीटिंग के साथ समापन किया गया l
मुख्य अथिति डॉ. गर्ग ने संस्थान निदेशक के कार्य की प्रशंसा करते हुई केंद्र पर ब्रॉयलर रैबिटरी की स्थापना करने की जरुरत पर जोर दिया l क्योंकि हिमाचल राज्य देश में एक अच्छे पिकनिक स्पॉट के रूप में देश -विदेश में पहचान बनाये हुई है वहां पर मांस के लिए खरगोश पालन पहाड़ी लोगो के एक रोजगार का व्यवसाय बन सकता है तथा केंद्र की संस्थान प्रबंधन कमिटी मे भविष्य के हिसाब से सेंटर को स्थापित करने के विभिन्न पहलु पर विस्तार से चर्चा की l
निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने बताया कि बारिश के मौसम मे इस केंद्र को बहुत नुकसान उठाना पड़ा, इसलिए भविष्य में इस केंद्र की व्यवस्था को छोटे पशु भेड़ -खरगोश पालन को लोगो की आमदनी के हिसाब से सभी तरह की सुविधा विकसित हो, इस पर संस्थान कार्य कर रहा है l हीरक जयंती के समारोह के अवसर पर संस्थान में तीन दिवसीय ट्राइबल सब प्लान एवं अनुसूचित जाति के 60 किसानो की प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर निदेशक ने सभी को सम्बोधन देते कहा कि आप किसान की देश कि इकॉनमी की ताकत है l आपके खेती एवं पशुपालन की पैदावार से देश के बाजार में चीजे की कीमत निर्धारित की जाती है l मेरा सभी माताओ, बहिनों एवं पुरुष से निवेदन है कि आप अपने परिवार की आर्थिक तररकी के लिए अपनी तीन फसल खेती, पशुपालन एवं अपने बच्चों को भविष्य के हिसाब से अच्छे परिवारिश से तैयार करें l जब जब भी किसान अपने खेती व पशुपालन में विज्ञान के साथ चला है तब किसान की बहुत तररकी हुई है l इसलिए उस ग्रोथ को बनाये रखने के लिए आपको अपने बच्चो के संस्कार, चरित्र एवं एजुकेशन पर फोकस करने की जरुरत है ताकि देश का उदेश्य हर हाथ में काम से ही भविष्य का भारत का निर्माण होगा l सभी प्रशिक्षु किसानो को अपने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के ज्ञान को अपने फार्म पर लागू कर अपना व्यवसाय को नई ऊंचाई पर ले जाने का आहान किया l सभी अथितियों को धन्यवाद देते हुई संस्थान प्रबंधन कमिटी मे चर्चा मुद्दे पर संस्थान की ओर से पूरा करने का आश्वावसान निदेशक द्वारा दिया गया l हीरक जयंती के अवसर पर 60 किसानो को बैटरी चालित स्प्रे मशीन प्रदान करते हुई केंद्र में दो नवीनकृत भेड़ के शेड़ो का भी उद्धघाटन किया गया lइस अवसर पर केंद्र के भेड़ एवं खरगोश पालन प्रकाशन का भी विमोचन अथितियों द्वारा किया गया l
केंद्र के प्रभारी डॉ पुरूशोतम ने सभी को धन्यवाद देते हुई किसान हित को सर्वोपरि रखते हुई परिसर कार्य करेगा, इसका विश्वास दिलाया l हीरक जयंती समारोह के अवसर कृषि विज्ञान केंद्र बौजोरा, हिमाचल कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र, डॉ अब्दुल रहीम चौधरी, डॉ रजनी चौधरी, डॉ कुमार चंद शर्मा, श्री पी के तिवारी आदि द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन में पूरा सहयोग किया गया l अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम की जानकारी से अवगत कराया l
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