Back केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी शीतोष्णा क्षेत्रीय केंद्र, गड़सा, जिला कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में तीन दिवसीय वैज्ञानिक भेड़ एवं खरगोश पालन पर कार्यक्रम केअंतर्गत लाहौल-स्पीति कुल्लू जिले के अनुसूचित जनजाति किसानो ने लिया भाग 1
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र, गड़सा जिला-कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में आज दिनांक 19 अक्टूबर, 2023 को संस्थान द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति (ट्राइबल सब प्लान ) एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के माध्यम से तीन दिवसीय (19 से 21 अक्टूबर,2021) "वैज्ञानिक भेड़ एवं खरगोश पालन" पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन की निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर की अध्यक्षता में शुरुआत की गयी l निदेशक का हिमाचली परंपरा से केंद्र के प्रभारी डॉ. आर पुरुषोत्तमाने एवं वैज्ञानिको द्वारा जोरदार स्वागत किया गया l डॉ. रजनी चौधरी, वैज्ञानिक, क्षेत्रीय केंद्र ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति जिले से 30 ट्राइबल महिला व पुरुष किसान एवं कुल्लू जिले के 30 अनुसूचित जाति महिला व पुरुष किसान इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे है तथा विस्तार से प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में सभी को अवगत कराया l
अविकानगर संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने सभी प्रशिक्षण में भाग ले रहे किसानो को सम्बोधन देते हुई वैज्ञानिक तरीके से भेड़ एवं खरगोश पालन करने पर जोर दिया l उन्होंने बताया कि आज पशुपालन उद्यमिता का रूप ले चूका है क्योकि आज लोगो की आर्थिक स्तर बढ़ने के साथ भोजन प्रणाली में भी बदलाव आ रहा है l इसलिए इन छोटे पांच सितारा पशु जिनको मैं एटीएम की उपाधि देता हूँ , क्योकि इन से किसी भी समय धन, मांस, दूध , मेंगनी आदि प्राप्त किया जा सकता है lआज आप इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशु में टीकाकरण, पालन के लिए उतम नस्ले के पशु का चयन, पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, विभिन्न मौसम आधारित बचाव और सावधानी करके अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है और आप हिमाचल में आने वाले टूरिस्ट को देखते हुई मांस एवं ऊन, खरगोश के बाल आदि का मूल्य संवर्धन करके सहकारी समिति का निर्माण करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है l आप लोगो के लिए मेरे मुख्य परिसर अविकानगर भ्रमण के दरवाजे हमेशा खुले है आप वहां की तकनीकी को भी अपना कर अपना व्यवसाय अच्छा चला सकते है l साथ ही आप राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से भेड़, बकरी, मुर्गीपालन एवं सूअर पालन में 50 प्रतिशत सब्सिडी के माध्यम से अपने पुश्तैनी व्यवसाय को नई उचाई पर ले जा सकते है l
डॉ. आर पुरुषोत्तमाने , अध्यक्ष, उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र ने केंद्र द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुई सभी किसानो को निदेशक मोहदय की बताई गयी वैज्ञानिक सोच को अपनाने पर जोर दिया lडॉ. अब्दुल रहीम, नोडल अधिकारी अनुसूचित जनजाति उपयोजना व अनुसूचित जाति उपयोजना, ने निदेशक मोहदय को पधार कर मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद दिया l कार्यक्रम के सफल संचालन में क्षेत्रीय केंद्र के तकनिकी कर्मचारियों एवं प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया l अविकानगर ने मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम की जानकारी से अवगत कराया l