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Backविश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी परिवारों को मालपुरा भेड़ इकाई एवं अन्य पशुपालन उपयोगी सामानो का वितरण एवं किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन



भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर की अनुसूचित जनजाति उपयोजना (ट्राइबल सब प्लान) के द्वारा आज शनिवार दिनांक 12 अगस्त,2023 क़ो विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय खेड़ा कछवासा ब्लॉक एवं जिला डूंगरपुर   मे मालपुरा नस्ल की भेड़पालन इकाई  (चार मादा एवं एक नर पशु व अन्य पशुपालन उपयोगी सामानो) के वितरण के साथ किसान -वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है l जिसमे संगोष्ठी कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि श्रीमान अमृतलाल कलासुआ सभापति नगर परिषद डूंगरपुर ने भाग लिया हैं तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता  कर रहे डॉ अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर द्वारा संगोष्ठी कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मुख्य अतिथि के साथ की गई l साथ मे कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान से  डॉ जी. जी. गणेश सोनवाने  नोडल अधिकारी टीएसपी, डॉ सुरेश चंद शर्मा प्रभारी एचआरडी, डॉ लीलाराम गुर्जर प्रभारी तकनीकी स्थानांतरण विभाग, श्रीमान इंद्रभूषण कुमार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, श्रीमान राजकुमार मुख्य फाइनेंस एंड अकाउंट अधिकारी, श्रीमान भीम सिंह प्रशासनिक अधिकारी, श्री मुकेश सुथार केड फाउंडेशन निदेशक उदयपुर, डॉ शंकर लाल खीचड़,सहायक प्रोफेसर पशु उत्पादन एवं प्रबंधन, श्री नरेश विश्नोई, डॉ अमित कुमार, श्री दिलीप कुमार भी विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर किसान संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं l डॉ शंकर लाल खींचड़ ने आदिवासी किसानो क़ो पशुपालन उद्यमिता पर विस्तार से उदाहरण स्वरूप संबोधित किया गया l साथ में डूंगरपुर जिले के विभिन्न ब्लॉकों के ग्राम पंचायत के सरपंच एवं खेड़ा कछवासा के सरपंच पति श्री बसंत लाल खराड़ी भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया हैं l

कार्यक्रम को डॉ. गणेश सनावने टीएसपी नोडल अधिकारी अविकानगर  द्वारा डूंगरपुर जिले मे की जा रही गतिविधि की विस्तार से जानकारी पधारे अतिथियों ओर आदिवासी किसान को दी  तथा उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा जिले के आदिवासी किसानो को अब तक  उन्नत नस्ल के भेड़ -बकरी एवं खरगोश का प्रदर्शन एवं वितरण चयनित आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों को किया जा रहा है उन्होंने भेड़ -बकरी के पोषण व स्वास्थ प्रबंधन पर विस्तार से आदिवासी लाभार्थियों से संवाद किया ओर बताया कि कम से कम संसाधनों में पाले जाने वाला पशु अगर कोई है तो वह भेड़-बकरी है  l

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने भी संस्थान द्वारा डूंगरपुर जिले में आदिवासी किसानों के लिए किए जा रहे प्रयास के लिए संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर क़ो धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया l ओर अपने जिले के किसानो द्वारा संस्थान की उन्नत तकनीक व नस्ले को अपनाकर आजीविका मे सक्षम बनने के लिए निवेदन किया l मुख्य अतिथि महोदय ने संबोधित करते हुए बताया कि समाकलन खेती एवं पशुपालन के द्वारा ही हैं हम अधिकतम आमदनी प्राप्त कर सकते हैं इस पर हम सब आदिवासी भाई बहनों को बहुत ज्यादा ध्यान देकर अपनी आजीविका में देश के प्रधानमंत्री के अनुरूप आत्मनिर्भर बनना है l

कार्यक्रम की अध्यक्षता  कर रहे संस्थान निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि भेड़-बकरी  गरीबों के पशु हैं जिनको आदिवासी महिला व पुरुष किसान घर पर कम से कम संसाधन मे पालकर  अपनी आजीविका आसानी से चला सकता है l इसलिए मेरा आदिवासी भाई एवं बहनो से निवेदन है कि छोटे पुश भेड़- बकरी जो कि चलते फिरते एटीएम है जिनसे किसी भी समय मांस, मनी एवं मिल्क प्राप्त किया जा सकता है l ओर अन्य पुश जैसे गाय व भैंस की अपेक्षा कम से कम संसाधन मे डूंगरपुर जैसे जिले की परिस्थिति मे पाला जा सकता है l इसलिए आदिवासी किसान क़ृषि एवं पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका कमा कर आत्मनिर्भर भारत के विकास मे सहयोग करें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सशक्त और मजबूत करें और मेरा आदिवासी युवाओं से निवेदन है कि भेड़-बकरी एवं मुर्गीपालन पर संचालित राष्ट्रीय पशुधन मिशन मे भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से अपने व्यवसाय को पशुपालन उद्यमिता में बदले कर सफल उधमी बने l साथ मे निदेशक ने आदिवासी किसानो को आर्गेनिक फार्मिंग पर जोर देते हुए इंटेग्राटेड फार्मिंग अपनाने पर बल दिया l जिससे आदिवासी किसानो को क़ृषि, बागवानी, पोल्ट्री एवं पशुपालन के माध्यम से सालभर कमाई होती रहे l

 कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और संस्थान का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए सभी आदिवासी  किसान भाइयों को प्रेरित किया l इतनी दुरी से चल कर डूंगरपुर के आदिवासी किसान को को लाभान्वित करने के लिए निदेशक मोहदय डॉ तोमर को धन्यवाद एवं जिले क़ो लाभान्वित करने के लिए आभार प्रकट किया तथा डूंगरपुर के आदिवासी से निवेदन किया की आदिवासी भाई वर्तमान मे पशुपालन को वैज्ञानिक तरीक से करते हुए ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाए l इसलिए भेड़ -बकरी  की सही नस्ल का चयन, पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन ओर  वर्ष भर मौसम आधारित प्रबंधन तथा नियमित टीकाकरण से छोटे पुश मे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा शहर की आबादी की मांस की मांग को ध्यान मे रख करें l  कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा 30 आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों को तसला, स्वास्थ कैलेंडर, प्राथमिक पशुधन स्वास्थ्य किट,एक आयरन फीडिंग ट्रोफ, आयरन चैन 100 किलोग्राम का पैलेट फीड, मालपुरा नस्ल की चार मादा भेड़ एवं एक ब्रीडर नर पालन इकाई का वितरण डूंगरपुर जिले की विभिन्न ब्लॉक के आदिवासी लाभार्थी को कार्यक्रम मे उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया l साथ में डूंगरपुर जिले की विभिन्न पंचायत के 20 भेड़पालक आदिवासी किसानों को भी पैलेट फीड एवं आयरन ट्रोफ का वितरण कार्यक्रम मे किया गया l इस प्रकार उपरोक्त कार्यक्रम मे 50 आदिवासी लाभार्थी डूंगरपुर ब्लॉक के खेमारू, बस्सी, सुलाई, पड़ला चौबीसा, कहारी, रामपुर आदि पंचायत के गांव के लाभार्थीयों, सागवाड़ा ब्लॉक  के रानोली पंचायत के लाभार्थी, सीमलवाड़ा ब्लॉक के रास्तापाल एवं बोड़ामाली आदि पंचायत गांव के लाभार्थियों, बिछीवाड़ा ब्लाक मे मेवाड़ा पंचायत के लाभार्थी, झोथरी ब्लॉक के रेटा, भिंडा एवं पाडली पंचायत के लाभार्थीयों तथा दोवाडा ब्लॉक के बसीपाल, देवसोमनाथ, घाटाबस्सी, डोल्वर एवं डगोना आदि पंचायत के लाभार्थीयों ने किसान संगोष्ठी मे भाग लेकर अविकनगर के वैज्ञानिक द्वारा लाभान्वित हुए l खेड़ा कछवासा ग्राम पंचायत की 10 स्कूल की बालिकाओं को भी पानी की बोतल का वितरण अतिथियों द्वारा कार्यक्रम मे किया गया l पंचायत के लाभार्थियों को उपरोक्त सामान अविकानागर संस्थान की टीएसपी उपयोजना माध्यम से कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा आदिवासी लाभार्थियों को निशुल्क वितरित किया गया l उपरोक्त कार्यक्रम मे 400 से भी ज्यादा आदिवासी महिला व पुरुष किसानो ने भाग लेकर भेड़ - बकरी एवं खरगोशपालन पर विस्तार से जानकारी संस्थान के वैज्ञानिक द्वारा दी गई ओर सभी क़ो कार्यक्रम मे पधारने पर विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में एक आयरन तसला व अन्य उपयोगी सामानो का वितरण किया गया l

भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रोग्राम की मेहता के उद्देश्य के बारे में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा सभी उपस्थित आदिवासी महिला किसान भाइयों को विस्तार से बताया गया l जिसमे मुख्य रूप से डॉ सुरेश चंद शर्मा प्रभारी एचआरडी विभाग द्वारा मोटे अनाज की महत्वता पर आदिवासी किसानों को विस्तार से संबोधन दिया गया l डॉ लीलाराम गुर्जर प्रभारी तकनीकी स्थानांतरण विभाग द्वारा 'मेरी माटी मेरा देश' विषय पर विस्तार से आदिवासी किसान भाइयों को उदाहरण स्वरूप संबोधन दिया गया l तथा बताया कि हमें अपनी मातृभूमि से बहुत प्रेम करते है तोह उसकी स्वास्थ्य का ध्यान रखें, तभी जाकर हम विश्व आदिवासी दिवस मनाने के उद्देश्य को पूरा कर पाएंगे l कार्यक्रम का मंच संचलन का कार्य डॉ अमरसिंह मीना वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं को -नोडल अधिकारी टीएसपी द्वारा किया गया l उपरोक्त कार्यक्रम मे डूंगरपुर जिले के विभिन्न ब्लॉक के आदिवासी लाभार्थियों का चयन, कार्यक्रम रूपरेखा सफल बनाने मे श्री सोहन लाल अहारी एवं श्री रमन कलासुआ अविकानगर कर्मचारी ने भी अपना पूरा योगदान व सहयोग दिया l श्री रामखिलाडी मीना, श्री राजेश चंदेल, श्री संजय यादव ने अविकानगर संस्थान से मालपुरा व अविशान नस्ल के 150 पशुओ व अन्य पशुपालन उपयोगी सामने को कार्यक्रम मे पहुंचने के लिए रातभर सफर किया l कार्यक्रम को सफल बनने मे टीएसपी एरिया के आदिवासी किसानो, श्री विष्णु भटनागर, श्री सुरेंदर कुमार एवं सहयोग स्टॉफ आदि ने भी पूरा सहयोग किया l

 अविकानगर संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमान इंद्रभूषण कुमार ने कार्यक्रम मे पधारे सभी अतिथियों, मिडिया बन्दुओं, आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानो तथा सभी सहयोगी लोगो को धन्यवाद व आभार प्रकट किया l अविकानगर संस्थान की टीएसपी परियोजना में दिनांक 11 अगस्त 2023 को भी ग्राम पंचायत माथुगामड़ा खास में भी रात्रि चौपल एवं जागरूकता शिवर का आयोजन किया गया l जिसमें  300 से भी ज्यादा आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों ने भाग लिया l सभी आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों को एलईडी बल्ब का वितरण कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि श्रीमान बल्लभराम पाटीदार जिला अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी, श्रीमती दुर्गा देवी सरपंच,सुश्री शिवानी कटारा पंचायत समिति सदस्य एवं निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर एवं उनकी टीम द्वारा किया गया l

निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने 11 अगस्त 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र उदयपुर में भी संस्थान के मरूक्षेत्रीय परिसर बीकानेर के द्वारा अनुसूचित जनजाति उपयोजना में उदयपुर जिले के आदिवासी किसानों को विभिन्न सामानों से लाभान्वित किया गया l साथ में निदेशक महोदय ने केड फाउंडेशन उदयपुर में जाकर वहां पर एक महीने की प्रशिक्षण कृषि एवं पशुपालन उद्यमिता  के प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि आपको भविष्य के हिसाब से खेती एवं पशुपालन को प्रोडूसर से उपभोक्ता तक की सप्लाई चैन में सम्मिलित होकर देश के किसान की आजीविका बढ़ाना है l केड फाउंडेशन के निदेशक श्री मुकेश सुथार ने संस्थान निदेशक को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया कि आपके मार्गदर्शन में हम आगे भी देश के किसानों के लिए भेड़-बकरी पालन के प्रशिक्षण क़ो आपके सहयोग से आयोजित करते रहेंगे l अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम की की जानकारी के बारे मे विस्तार से अवगत करवाया गया 1

 

 

 



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