Backकेंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान में गाजर घास उन्मूलन कार्यक्रम की आज दिनांक 10 जुलाई क़ो शुरुआत हुई l
केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में गाजर घास उन्मूलन के लिए संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर के नेतृत्व में परिसर में समस्त स्टॉफ के साथ अभियान चलाया गया l संस्थान निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने सभी अविकानगर कैंपस वासियों से एवं मालपुरा के निवासियों से निवेदन किया कि इस गाजर घास को अपने आसपास के क्षेत्र में उगने ना दें l खेतों में और सार्वजनिक चरागाह व गांव मे अपने आसपास ओर सडक पर जितना जल्दी हो इसको खत्म करें l क्योंकि यह बहुत ही हानिकारक घास है ना तो इसको कोई पशु खाता है और ना ही इसकी कोई अन्य उपयोगिता है यह धरती को बंजर बनाता है और इस घास से मानव को अस्थमा जैसी अनेक बीमारियां भी होती है l इसलिए सभी कैंपसवासियों से निवेदन किया कि वह अपने अपने सगे- सम्बन्धो ओर रिस्तेदार आदि जानकारों से इस घास को अपने आसपास की खाली जगह मे नहीं पैदा ओर उगने ह दें l जितना जल्दी हो इसका परिसर से पूरी तरह नष्ट करें l गाजर घास उन्मूलन के साथ शहतूत के पौधों की प्लांटेशन का भी कार्य किया गया lनिदेशक अविकानगर के नेतृत्व में 5000 पौधों का प्लांटेशन करने का लक्ष्य इस बार निर्धारित किया है l
सम्पदा अनुभाग में कार्यरत श्री तरुण कुमार जैन के इस अभियान की निदेशक महोदय ने प्रशंसा करते हुए इसको अधिक से अधिक लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए निवेदन किया l गाजर घास उन्मूलन कार्यक्रम में संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ रणधीरसिंह भट्ट, सिद्धार्थसारथी मिश्रा, डॉ. जी.जी सोनावाने, कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुरेश चन्द शर्मा प्रभारी फार्म सेक्शन एवं अन्य विभागों के प्रभारियों ने भी अपने विभाग के एवं सेक्टरों के आसपास सफाई के लिए अभियान चलाने का संकल्प लिया गया l संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमर सिंह मीना ने दी जानकारी l