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Backअविकानगर में एक दिन के शैक्षणिक भ्रमण पर कोटा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेज ऑफ़ फॉरेस्ट्री एंड हॉर्टिकल्चर झालावाडा के 44 बीएससी फोरस्ट्री फाइनल ईयर के स्टूडेंट
भाकृअनुप-:केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा में शनिवार -रविवार को शैक्षणिक भ्रमण पर कोटा क़ृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेज ऑफ़ फॉरेस्ट्री एंड हॉर्टिकल्चर झालावाडा के 44 बीएससी फोरस्ट्री फाइनल ईयर स्टूडेंट ने संस्थान का रात्रि विश्राम के साथ विभिन्न सेक्टर्स एवं विभाग को विजिट किया गया l डॉ. अशोक कुमार एवं श्रीमती नीथा पी. फैकल्टी मेंबर कॉलेज ऑफ़ फॉरेस्ट्री एंड हॉर्टिकल्चर झालावाड़ ने बताया कि झालावाड़ कॉलेज के फॉरेस्ट्री के फाइनल ईयर के 44 विद्यार्थी दस दिवसीय भारत भ्रमण टूर पर राजस्थान, हिसार हरियाणा, सोलन हिमाचल प्रदेश, देहरादून उत्तराखंड आदि की क़ृषि, पशुपालन, फोरस्ट्री, होर्टिकल्चर की ऊनत तकनिकी ओर प्लांट डाइवर्सिटी का मुआवना करते हुए अपने टूर पूरा करेंगे l बीएससी फॉरेस्ट्री के स्टूडेंट्स ने अविकानगर संस्थान में खरगोश सेक्टर, बकरी सेक्टर, दुम्बा सेक्टर, मालपुरा सेक्टर, पाटनवाड़ी भेड़ के सेक्टर, वूल प्लांट, मेडिसिनल प्लांट आदि का भ्रमण किया ओर निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर के साथ अपने कर्रिएर को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया गया l निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने छात्रों से संबोधित करते हुए बताया कि आप भारत देश में एंप्लॉयमेंट देने वाले विद्यार्थी बने l फोरस्ट्री के बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ तोमर ने उन से निवेदन किया कि आप बढ़ते शहरीकरण में आपका योगदान देश की प्लांट विविधता को बनाये रखने मे बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आजकल कम से कम संसाधनों में फलदार पौधे की खेती करके लोग लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं l आप सब को भारत में आने वाले समय में अपने विषय को एक उद्यमिता की ओर ले जाने की जरुरत है l तथा कॉलेज की फैकल्टी से निवेदन किया कि संस्थान ने भारतीय भेड़ो की मोटी ऊन से प्लांट सैंपलिंग बैग तैयार किया है जिसको भी वह अपने कॉलेज लेवल पर अपने स्टूडेंट्स के प्रयोगों मैं उपयोग कर उसकी एनवायरनमेंट फ्रेंडली उपयोगिता को सिद्ध कर सकते हैं l क्योंकि भेड़ की ऊन से तैयार प्लांट सैंपलिंग बैग फोरस्ट्री डिपार्टमेंट मे प्लास्टिक फ्री उपयोग की दिशा मे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है जिससे बिना प्लास्टिक उपयोग के ऊन सैंपल बैग्स से मिट्टी को उपजाऊ भी बनाया जा सकता है l 44 विद्यार्थियों ने अविशान भेड़ के दो, तीन, चार मेमने, ब्राइलर खरगोश एवं फट टैल्ड शीप ओर दुम्बा भेड़ को देखकर प्रभावित हुई l झालावाड़ कॉलेज के विद्यार्थियों ने संस्थान के प्लांट बायोडाइवर्सिटी विजिट के दौरान फॉरेस्ट्री की विभिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों का भी विस्तृत अध्ययन किया तथा अविकानगर संस्थान निदेशक के साथ भविष्य मे फोरस्ट्री के विभिन्न प्लांट्स को संस्थान के पशुओ की उपयोगिता के आधार पर संस्थान के फॉरेटस्ट एरिया मे ओर विकसित करने की संभानाओ पर बल दिया l निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने सभी विद्यार्थियों से निवेदन किया कि आप फॉरेस्ट्री के स्टूडेंट होने के नाते जहाँ पर विजिट के लिए जाय तोह उन सभी संस्थानों में उस क्षेत्र के हिसाब से कुछ नया एक या दो प्लांट का प्लांटेशन जरूर करें, जिससे वह भविष्य में आपके फॉरेस्ट्री के योगदान ओर उस एरिया के लोगो को भी कुछ नया प्लांट के गुण देखने को मिलेंगे l इस मुहिम के द्वारा आप भारत देश में पेड़ पौधों की विविधता को बनाए रखने में अपना योगदान दे सकेंगे l एटिक सेंटर के प्रभारी श्री मोहन सिंह, डॉ विनोद कदम वरिष्ठ वैज्ञानिक, अविशान सेक्टर पर कार्यरत डॉ. अमरसिंह मीना वरिष्ठ वैज्ञानिक, श्री सुनील लड्डा पशुधन सहायक, श्री मुकेश शर्मा पशुधन सहायक आदि ने भी संस्थान की गतिविधि को विजिट के दौरान स्टूडेंट्स से उनके प्रश्न पर विस्तार से संवाद किया गया l अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमर सिंह मीना ने जानकारी दी l
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