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Backभाकृअनुप-केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर मे फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट के तहत तीन दिवसीय 28 किसानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, तहसील मालपुरा, जिला टोंक राज्य राजस्थान में उन्नत भेड़ -बकरी एव खरगोश पालन पर तीन दिवसीय (21 से 23 मार्च, 2023) प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ | उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में मालपुरा तहसील के सोडा, देंचवास,अरनिया, बस्सी,चौसला व गरजेडा गांव के अडॉप्टड 28 किसानो को संस्थान की फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया | तीन दिवसीय उन्नत भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयक फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट के प्रधान अन्वेषक डॉ सत्यवीर सिंह डांगी, सह-समन्वयक डॉ अमर सिंह मीना एवं डॉ. रंगलाल मीना द्वारा किया गया है | तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अंगीकृत गांव के किसानों को छोटे पशु जैसे भेड़-बकरी की नस्ल का चयन, पोषण प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, चारा प्रबंधन, प्रजनन व मद काल ओर कृत्रिम गर्भाधान प्रबंधन, भेड़ की ऊन आधारित घरेलु दैनिक जरुरत के सामानो को बनाने व उपयोग के तरीके,आवास प्रबंधन, मौसम आधारित विभिन्न प्रबंधन एवं टीकाकरण, स्टॉल फीडिंग पर विस्तृत ज्ञान संस्थान के विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों द्वारा लेक्चर्स के माध्यम से दिया गया | प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ सत्यवीर सिंह डांगी ने फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट से मालपुरा तहसील के 6 अंगीकृत गांव को कृषि एवं पशुपालन,बागवानी, होर्टिकल्चर आदि से संबंधित सभी किस्मो व सामानों का वितरण एवं प्रदर्शन किसानों के द्वार या गांव /ढाणी मे किया जा रहा है जिससे वह अपने गांव में उन्नत किस्मो, पशुओ की नस्ल आदि का प्रदर्शन देखकर अपना सकें और अच्छा मुनाफा कमा सकें | प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने प्रशिक्षण में उपस्थित किसानों से निवेदन किया कि वर्तमान मे समय आर्थिक युग का है जिसमें परिवार के हर सदस्य को अपनी जरूरत पूरी करने के लिए एक निश्चित आयु के बाद कमाना चाहिए l जिससे घर में सभी सदस्य कमाएंगे तो उस घर का आर्थिक विकास भविष्य में होना निश्चित है l गांव में यह आर्थिक विकास आपको समेकित कृषि, पशुपालन,बागवानी, डेयरी, मूल्य आधारित क़ृषि व पशुपालन उत्पाद बनाकर प्राप्त करें l इसलिए अभी सभी किसान भाईओं को उन्नत तरीके से यानि की वैज्ञानिक तरीके से खेती एवं पशुपालन प्रबंधन करके आप प्राप्त कर सकते हैं| संस्थान के द्वार सदा ही आपके लिए खुले हुए हैं आप संस्थान की हर गतिविधि में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, लेकिन अब समय है कि आप संस्थान के पशुओं के माध्यम से अपनी आजीविका में वृद्धि करें संस्थान का नाम रोशन करो | और मैं सभी किसान भाइयों से निवेदन करता हूं कि खानपान में मोटे अनाजों का प्रयोग जरूर करें, जिससे वर्तमान समय की जो समस्या है उन से मुक्ति मिल सके और परिवार के सभी सदस्य पोषण मे सुदृढ़ हो सके | आपको भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा कृषि एवं पशुपालन में जारी विभिन्न सब्सिडीओं के माध्यम से अपनी खेती एवं पशुपालन व्यवसाय को एग्रोटेक में बदलें | तथा अपने अपने पास के शहरी लोगों की कृषि एवं पशुपालन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करके आत्मनिर्भर भारत में स्वयं ही रोजगार पैदा कर अपना परिवार को भविष्य मे आगे बढ़ाये | उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने मे डॉ सुरेश चन्द शर्मा,डॉ रंगलाल मीना, डॉ सत्यवीर सिंह डांगी व फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट टीम आदि ने भी सम्बोधन देकर किसानो को लाभान्वित किया गया | प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री पवन महावर,श्री गणेश राम जाट एसआरफ और श्री राकेश चौधरी पशुधन सहायक, श्री हनुमान वर्मा, राजेश आदि ने भी किसानो संस्थान के विभिन्न सेक्टर्स का भ्रमण करवाने मे पूरी मदद की | प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह -समन्वयक एवं मीडिया प्रभारी डॉ अमर सिंह मीना ने कार्यक्रम की जानकारी दी |
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