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Back क्षेत्रीय केंद्र मरू क्षेत्रीय परिसर, बीकानेर द्वारा झाड़ोल तहसील के डोलरिया, थाडीवेरी, तुरगढ़ व फलासिया गांव के आदिवासी किसानों हेतु भेड़ -बकरी पालन पर किसान -वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन



 भारतीय क़ृषि अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के क्षेत्रीय केंद्र मरू क्षेत्रीय परिसरबीकानेर द्वारा दिनांक 16 मार्च 2023 को झाड़ोल तहसील के डोलरिया, थाडीवेरी, तुरगढ़ फलासिया गांव के आदिवासी किसानों हेतु भेड़ -बकरी पालन पर किसान -वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया l कार्यक्रम में डॉ निर्मला सैनी, प्रभागाध्यक्षा, ,मरू क्षेत्रीय परिसर, बीकानेर, ने मुख्य अतिथि  तथा कार्यक्रम में सह -आयोजक क़ृषि विज्ञान केंद्र, बड़गाव, उदयपुर के प्रभारी डॉ प्रफुल चंद्र  भटनागर, ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ निर्मला सैनी, विशिष्ट अतिथि डॉ प्रफुल चंद्र  भटनागर एवं डॉ आशीष चोपड़ा, ने अपने वैज्ञानिक अनुभवों से आदिवासी किसानों को लाभान्वित किया l मुख्य अतिथि डॉ सैनी ने कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि भेड़-बकरी उदयपुर जैसे क्षेत्र के लिए सर्वोतम पशु है जिनको आदिवासी महिला पुरुष किसान कम से कम संसाधन में पालकर  अपनी आजीविका आसानी से कमा सकते हैं, इसलिए मेरा झाड़ोल ब्लॉक के आदिवासी भाई बहनों से निवेदन है कि छोटे पशु जैसे की भेड़ बकरी चलते - फिरते एटीएम है जिनसे किसी भी समय मांस, दुध एवं खाद बेच कर पैसे प्राप्त किये जा सकते है l इन पशुओं को अन्य पशु जैसे गाय भैंस की तुलना में कम से कम संसाधनों में पाला जा सकता है l इसलिए आदिवासी किसान क़ृषि पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ा कर देश के प्रधानमंत्री की सोच आत्मनिर्भर भारत” के विकास में सहयोग करें l उन्होंने बताया की किसान पशुपालन हेतु संचालित राष्ट्रीय पशुधन मिशन में भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से अपने व्यवसाय को एग्रीटेक में बदलकर उदयपुर जैसे पर्यटन स्थल में अच्छी आमदनी कर सकते हैं l kvk इंचार्ज डॉ भटनागर ने भी आदिवासी किसानों को आर्गेनिक फार्मिंग पर जोर देते हुए क़ृषि, बागवानी, पोल्ट्री पशुपालन के माध्यम से सालभर कमाई कर परिवार का आर्थिक विकास करने हेतु प्रेरित किया l कार्यक्रम में उपस्थित डॉ आशीष चोपड़ा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और संस्थान के मरू परिसर, बीकानेर के प्रयास तकनीक का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए सभी आदिवासी किसान भाइयों को प्रेरित किया l कार्यक्रम में इस बात पर जोर रहा कि वर्तमान में पशुपालन को वैज्ञानिक तरीक से करते हुए प्रति पशु अधिकाधिक उत्पादन पाया जाये  l इसलिए क्षेत्र के वातावरण के अनुसार भेड़ -बकरी की सही नस्ल का चयन, पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन,आवास प्रबंधन और वर्ष भर मौसम आधारित प्रबंधन तथा नियमित टीकाकरण से छोटे पशु से भी अधिक से अधिक मुनाफा लिया जा सकता हैकार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा झाड़ोल ब्लॉक की पंचायतो के 50 आदिवासी किसानों को पानी की बोतल, टॉर्च, बैग आदि भेड़- बकरी के पालन के लिए आवश्यक सामान तथा 25 आदिवासी किसान जिन्होंने भेड़ बकरी पालन में अच्छी उन्नति की है को फेंसिंग मय  टीनशेड सामान (दो लोहे की जाली के बंडल, 4 लोहे के पाइप 5 आयरन शीटस) को नि:शुल्क वितरित किये l उपरोक्त कार्यक्रम मे 50 आदिवासी महिला पुरुष किसानों ने भाग लिया जिन्हें संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा भेड़ बकरी पालन पर विभिन्न तरह की जानकारी दी गई l कार्यक्रम में kvk से श्रीमती तनूजा जुकरिया ने मंच संचालन किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में kvk के डॉ भगवत सिंह चौहान, डॉ बहादुर सिंह तथा संस्थान के श्री मुकेश चोपड़ा, श्री प्रदीप सिंह आदि ने भी पूरा सहयोग किया l



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