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Backकेन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण के अन्तर्गत वैज्ञानिक भेड़, बकरी व खरगोश पालन विषय पर 8 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ



भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थान केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में आज दिनांक 28 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण के अन्तर्गत वैज्ञानिक भेड़, बकरी व खरगोश पालन विषय पर 8 दिवसीय (28 फरवरी से 07 मार्च, 2023) प्रशिक्षण का शुभारम्भ हुआ। इस प्रशिक्षण में 9 राज्यों (राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, जम्मू - कश्मीर व बिहार) से स्ववित्त पोषिय 28 प्रतिभागी भाग ले रहे है। साथ ही जम्मू एवं कश्मीर से लद्दाख स्वायत पहाडी विकास परिषद् द्वारा प्रायोजित 17 प्रशिक्षणार्थी भी इस प्रशिक्षण में भाग लेने हेतु आये है जो कि भेड व बकरी पालन से जुडे हुए वेटेनरी कर्मचारी है। इस प्रशिक्षण शुभारम्भ समारोह में मुख्य अतिथि डॉ बी. एस. राठौड, निदेशक राजस्थान सरकार पशुपालन विभाग, विशिष्ठ अतिथि डॉ ए. के. गहलोत, पूर्व कुलपति, पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय बीकानेर, डॉ पाण्डे, उपनिदेशक पशुपालन टोंक, डॉ. अनिल परतानी एवं डॉ. सरोज डांगी, पशु चिकित्सक की उपस्थिति रही। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें संस्थान निदेशक डॉ. अरूण तोमर ने अपने सम्बोधन में बताया कि बदलते परिवेश एवं किसानों की समस्याओं के मद्देनजर संस्थान के वैज्ञानिकों ने भेड बकरी व खरगोश पालन की व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक प्रबन्धन पर अपने प्रयासों से संस्थान द्वारा विकसित की गयी तकनीकों से प्रशिक्षण प्रारूप तैयार किया है जो विभिन्न राज्यों से आये किसानों एवं प्रतिभागी प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी, ज्ञान व प्रायोगिकी अनुभव हेतु काफी उपयोगी है। यह प्रशिक्षण किसान व युवा आबादी को शिक्षित इंटरप्रोनोर/उद्यमी बनाने तथा देश में बढती मास ऊन, दुध व खाद की आपूर्ति करने एवं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा। डॉ. अरूण कुमार ने यह भी बताया कि वर्तमान में देश में राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एन.एल.एम) योजना चल रही है जिसमें भेड बकरी एवं पोल्ट्री पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। जिसका फायदा किसान यह प्रशिक्षण प्राप्त कर उठा सकते है। इस 8 दिवसीय प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ एस. सी. शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि इस प्रशिक्षण हेतु देश भर से करीब 200 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए और संस्थान में दिन प्रतिदिन इस प्रशिक्षण की जानकारी हेतु फोन काल्स आर रहे है। उन्होने बताया कि छोटे पशु भेड बकरी खरगोश भविष्य के पशु है जो आम किसान की आजिविका चलाने में बहुत सक्षम है। इस कार्यक्रम में डॉ. अजय कुमार समन्वयक व डॉ. लीलाराम गुर्जर, डॉ. एस एस डांगी एवं डॉ. दुष्यन्त शर्मा सह-समन्वयक के रूप में कार्य कर रहे है। प्रशिक्षण उद्घाटन सत्र के दौरान कार्यक्रम अतिथि डॉ ऐ के गहलोत व डॉ. बी एस राठौड ने भी अपने अनुभवों एव सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा प्रशिक्षण का लाभ लें। कार्यक्रम के अन्त में सह-समन्वयक डॉ लीलाराम गुर्जर ने सभी को धन्यवाद दिया।



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