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Backकेन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में देश के भेड़-बकरी व खरगोश पालक किसानों के लिए 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक कॉन्फ्रेंस का समापन।



भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा द्वारा 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस का समापन आज दिनंाक 12.11.2022 को किया गया। निदेशक महोदय डाॅ. अरुण कुमार तोमर ने बताया की राष्ट्रीय सेमिनार के कृषक- वैज्ञानिक- उद्यमी- प्रगतिशील किसानो के सैशन एवं समापन में मुख्य अतिथि डाॅ़. के.एमएल. पाठक पूुर्व उमहानिदेषक पषु विज्ञान आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली व वाईस चांसलर, मथूरा पशु विष्वविद्यालय, एवं विशिष्ट अतिथियों डाॅ़. ए. के. गहलोत, पूर्व वाईस चांसलर, राजूवास बीकानेर, डाॅ. वी. के. विद्यार्थी, महाप्रबंधक कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार (एपीड़ा), एडीजी नई दिल्ली, डाॅ. अविनाश आनन्द, सी.ई.ओ. उतराखण्ड शीप एण्ड वूल डपलवमेंट बोर्ड़, श्री विकास महात्में, महाराष्ट्र, डाॅ. रणधीर सिंह भट्ट, राष्ट्रीय सेमिनार आयोजन सचिव, डाॅ. गोपाल दास, इसगपू सोसाइटी सचिव, विभिन्न भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थानों के निदेशक, विभिन्न प्रगतिशील किसानो, स्टार्टअप, एन.जी.ओ.  आदि ने भी भाग लिया। निदेशक महोदय ने सभी अतिथियों का शाॅल ओढ़ाकर सेमीनार के समापन में स्वागत किया। कार्यक्रम में पधारें अतिथियों द्वारा संस्थान के पशुओं के सैक्टर 9, सिरेाही बकरी सैक्टर एवं अविशान भेड़ के सैक्टर 12 पर संस्थान के विभिन्न नस्लों व अविशान के बहुप्रज पशुओं की प्रदर्शनियों का भ्रमण एवं अवलोकन किया गया। सभी अतिथियों ने संस्थान के पशुओं एवं अविशान भेड़ की उत्पादन क्षमता का विस्तार से निदेशक महोदय ने अवगत करवाया गया। सभी अतिथि संस्थान की किसानों के लिए की जा रही प्रयासों की भरपुर प्रसंसा की ।
राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस के अंंितम दिन कृषक- वैज्ञानिक- उद्यमी- प्रगतिषील किसानो के सैषन  एवं समापन का आयोजन में भारत देश के विभिन्न भागो से पधारे कृषि एवं पशुपालन से जुड़े प्रगतिशील किसान व उद्यमियों द्वारा अपनी अपनी पशु पालन आधारित व्यवसाय को सेमिनार में उपस्थित सभी लोगो के बीच प्रजेटेशन किया गया । तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कैसे अपने व्यवसाय को नई उचाई दी के बारे में विस्तार से संवाद कार्यक्रम किया गया । सेमिनार में पधारे वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, प्रगतिशील किसानों, एन्टरप्रन्योर व संस्थान से जुडे़ स्र्टाटअप के मध्य भेड़-बकरी व खरगोश पालन पर वर्तमान एवं भविष्य के हिसाब से पशुधन पालन के सभी क्षेत्रो पर विस्तार से उत्पादन, पोषण, बीमारिंयों एवं उनके उत्पादो के मूल्य संवर्धन पर दोनो तरफ से सुझाव दिये गये। मुख्य अतिथि डाॅ़. के.एमएल. पाठक पूुर्व उमहानिदेषक पषु विज्ञान आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली व वाईस चांसलर, मथूरा पशु विष्वविद्यालय, ने सेमिनार के सैषन को संबोधित करते हुये बताया कि पषुधन को देष के विभिन्न राज्यों  में कृषि से ज्यादा योगदान दे रहा है तथा भविष्य में लोगो की बढती आर्थिक सषक्तिकरण में पषुधन की भूमिका को रेखांकित किया । तथा 43 वी राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस का कृषक- वैज्ञानिक- उद्यमी- प्रगतिषील किसानो के सैषन प्रथम बार समाकलित सैशन सभी वर्ग के लोगो के लिए करने के लिए निदेशक डाॅ. अरूण कुमार तोमर को धन्यवाद एवं भरपूर प्रंशसा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाॅ. वी. के. विद्यार्थी, महाप्रबंधक एपीड़ा  ने अपने विभाग की विभिन्न योजनाओ के बारे में किसानो एवं उद्यमियों से विस्तार से चर्चा की तथा बताया कि एपीडा देश में कृषि और पशुपालन आधारित उत्पादो, जैविक खेती, जीओग्राफिकल इंडीकेशन आधारित उत्पादो के निर्यात पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। तथा उन्होने बताया कि देश के किसानो को समाकलित पशुधन व्यवसाय करके ज्यादा से ज्यादा जैविक उत्पादो की विदेशो में निर्यात करके ढेड़ से दो गुना बाजारी कीमत पा सकते है। डाॅ. अविनाश आनन्द, सी.ई.ओ. उतराखण्ड शीप एण्ड वूल डपलवमेंट बोर्ड़,  ने बताया कि भारत सरकार द्वारा मेरिनो भेड़ के पालन से पहाडी राज्यो हिमाचल प्रदेश, उतराखण्ड, जम्मू कश्मीर में उत्तम वस्त्र  निर्माण हेतु मेरिनो भेड़ के पालन को बढाने के लिए उनका राज्य काम कर रहा है। तथा उतराखण्ड शीप एण्ड वूल डपलवमेंट बोर्ड़ बकरी के दूध को 300 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से पंतजलि कम्पनी को बेच रहा है जिससे पंतजलि विभिन्न बकरी के दूध आधारित प्रोडक्टस बनाकर 600 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से मुनाफा कमा रहा है । तथा उन्होने पहाड़ी बकरी के मांस उत्पाद की बिक्री  दिल्ली, गुरूगा्रम एवं उतराखण्ड के लोगो की आवश्यकताओ के हिसाब से उनके दरवाजे पर करके बहुत ज्यादा आर्थिक लाभ कमा रहा है।  श्री विकास महात्में, महाराष्ट्र ने बताया कि उन्होने भेड़ बकरी पालन के लिए उनके राज्य में अनेको सहकारिता संस्थाऐं बनाकर महाराष्ट्र के सरकार के साथ काम कर रहे है तथा अविकानगर संस्थान की विभिन्न तकनीकीओं एवं उत्तम नस्ल के पशुओं का वितरण महाराष्ट्र के लोगो के लिए करने की निवेदन निदेशक महोदय से किया ।
 
राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस के सैशन एवं समापन को संबोधित करते हुए निदेशक महोदय ने बताया की अविकानगर संस्थान देश भर के किसानों के साथ जुड़कर भेड़-बकरी व खरगोश पालन पर उन्नत तकनीकियों, भेड़-बकरी व खरगोश के उन्नत पशुओं आदि का वितरण वर्ष भर संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ ं(टीएसपी, एससीएसपी, फार्मर फस्र्ट, मेगा शीप सीड़ परियोजना व स्थानांनतरण विभाग आदि) के माध्यम से करता आ रहा है। जिससे अनेको किसान आजीविका अर्जित करने में सक्षम होकर भारत सरकार की आत्मनिर्भर परिकल्पना को साकार कर रहे है। तथा देश भर से पधारें सभी वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, प्रगतिशील किसानों, एन्टरप्रन्योर व संस्थान से जुडे़ स्र्टाटअप से सेमिनार से ज्यादा से ज्यादा जानकारी, फायदा एवं उनकी सभी भेड़ बकरी व खरगोश पालन समस्याओं का संस्थान सहयोग करने के लिए तैयार है। तथा अविकानगर संस्थान के निदेशक माननीय डाॅ. अरुण कुमार तोमर के राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस एवं संस्थान में किए जा रहे प्रयासों की भरपुर प्रंशसा की। 
राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस के कृषक- वैज्ञानिक- उद्यमी- प्रगतिषील किसानो के सैषन में 150 से 200 लोगो कार्यक्रम में  संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ ंटीएसपी, एससीएसपी, फार्मर फस्र्ट, मेगा शीप सीड़ परियोजना ,स्थानांनतरण विभाग एवं देश भर के विभिन्न पशुपालक ओर कृषि व वेटेनरी के विद्यार्थियों ने इस सैशन में भाग लिया। आज के इस स्टेकहोल्डर मीटिंग  सैशन को संेमिनार में सम्मिलित सभी क्षेत्रो के लोगो द्वारा सराहा गया। तथा इस तरह के समाकलित नवाचार सैशन को भविष्य में जारी रखने की गुजारिश सभी तरह के लोगो द्वारा गई। जिससे पशुधन के क्षेत्र के सभी पहलुओं पर एक साथ विस्तार से संवाद किया जा सके। उपरोक्त स्टेकहोल्डर मीटिंग को देश के विभिन्न हिस्सो से पधारे प्रगतिशील पशुपालाको एवं उद्यमियों द्वारा अपने अपने अनुभव से सभी को अवगत कराया गया। 
 
    राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस के समापन कार्यक्रम में 03 दिन आयोजित विभिन्न सैशनो के ओरल एवं पोस्टर के प्रजेटंेशन करने वाले बेस्ट प्रतिभागियों को कार्यक्रम में पधारे अतिथियो द्वारा अवार्ड से सम्मानित किया गया। तथा विभिन्न सेशनो के चेयरमेन कमेटी द्वारा प्रस्तुत की गयी सिफारिशों को इस्सगप्पु सोसायटी के माध्यम से विभिन्न भारत सरकार के नोडल एजेसिंयो को प्रेषित करने की जरूरतो पर इस्सगप्पु सोसायटी की गवर्निग बोर्डिग कार्य करेगी।जिससे की भविष्य में भेड़ बकरी व खरगोश पालन के व्यवसाय को बदलते वातावरण परिवेश में अधिकतम उत्पादन लिया जा सके।अंत में निदेशक महोदय ने राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक काॅन्फ्रेंस में पधारे देश भर के सभी लोगो का ध्न्यवाद एवं आभार प्रकट किया। और भविष्य में संस्थान देश के भेड़पालको की जरूरत के हिसाब से नोडल एजेसीं बनकर काम करने का आश्वासन सभी को दिया। 
   राष्ट्रीय सेमिनार में समापन पर डॉ अजित सिंह महला, डॉ सरोबना सरकार वैज्ञानिक अविकानगर तथा डॉ हीना शर्मा वैज्ञानिक NDRI करनाल को यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया साथ ही सेमिनार के हर सेशन में बेस्ट ओरल एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन करने वाले वैज्ञानिको को भी बेस्ट प्रेजेंटर अवार्ड से सम्मानित किया गया  | स्टैक होल्डर सेशन का संचालन डॉ लीला राम गुर्जर प्रभारी टीओटीएसएस द्वारा किया गया |
 

 



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